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अब राजस्थान में होगी जातिगण जनगणना, आपकी संपत्ति पर भी रहेगी सरकार की नजर, 2 चरणों में होगा काम

जनगणना 28 फरवरी की देर रात बारह बजे तक की जाएगी और इस दौरान तक जन्म लेने वाले नवजात को भी जनगणना में जोड़ा जाएगा। बेघर लोगों की गणना 28 फरवरी को की जाएगी।

Census in Rajasthan
एआई तस्वीर

राजस्थान में वर्ष 2027 की जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी, जिसमें पहला चरण आगामी अप्रेल से सितंबर के बीच एक महीने की अवधि का होगा, जबकि दूसरा चरण वर्ष 2027 के फरवरी में कराया जाएगा। राज्य के सांख्यिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिह देथा और निदेशक (जनगणना कार्य) बिष्णु चरण मलिक ने मंगलवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

आवासों की भी गणना होगी

मलिक ने बताया कि जनगणना के पहले चरण में मकानों (आवास) की गणना की जाएगी, जिसमें सम्पति को सूचिबद्ध किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में जनसंख्या (व्यक्ति) की गणना की जाएगी। इसमें 29 सूचनाएं एकत्र की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहला चरण अगले वर्ष अप्रेल से सितंबर के बीच में एक महीने में कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस चरण के गर्मी की छुट्टियों के समय लगभग 15 मई से एक महीने में कराए जाने की संभावना हैं। हालांकि इस बारे में तिथि राज्य सरकार तय करेगी।

फरवरी में दूसरा चरण

उन्होंने बताया कि दूसरा चरण वर्ष 2027 के फरवरी में कराया जाएगा, जिसमें व्यक्ति की गणना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना में राज्य में जनणना के दौरान उन सभी व्यक्तियों की गणना की जाएगी जो उस दौरान वहां मौजूद मिलेगा। इसमें अगर परिवार के अलावा अन्य व्यक्ति या कोई विदेशी भी जनगणना के दौरान यहां छह महीने से ठहरा हुआ है तो उसकी भी गणना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान केवल व्यक्ति की गणना की जाएगी, इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं होगा।

बेघर लोगों को भी गिना जाएगा

मलिक ने बताया कि जनगणना 28 फरवरी की देर रात बारह बजे तक की जाएगी और इस दौरान तक जन्म लेने वाले नवजात को भी जनगणना में जोड़ा जाएगा। बेघर लोगों की गणना 28 फरवरी को की जाएगी। इसके बाद एक से पांच मार्च तक जनगणना का पुनरीक्षण होगा। उन्होंने बताया कि इस बार जातीय जनगणना की जाएगी, जिसमें परिवार के सदस्य की जाति की गणना भी होगी। इस बार यह जनणना पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी और ऐप के जरिए जनगणना के डेटा एकत्र किए जाएंगे।

यह वीडियो भी देखें

इस दौरान व्यक्ति अपने घर बैठे खुद ही स्व गणना वेब पोर्टल के माध्यम से भी अपनी गणना करा सकेगा। उन्होंने बताया कि हालांकि वर्ष 1931 और 1941 में भी जातीय जनगणना हुई, लेकिन वर्ष 1941 में जातीय जनणना का प्रकाशन नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि उस समय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की अलग से एवं शेष वर्ग के लोगों की गणना अन्य की श्रेणी में की गई थी। इस बार पहली बार परिवार के सभी सदस्यों के जाति की गणना होगी।