
राजस्थान विधानसभा। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। अंता विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस को जीत की चाबी थमा दी। डबल इंजन की सरकार के दावों, विकास कार्यों को नकारते हुए वोटरों ने कांग्रेस का साथ दिया। अंता में कांग्रेस की जीत से राजस्थान विधानसभा में अब पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।
कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़ने से राजस्थान की भाजपा सरकार पर भले ही कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे विधानसभा सत्र में कांग्रेस को सरकार को घेरने का अधिक अवसर मिल जाएगा। राजस्थान विधानसभा में भाजपा 118 सीटों के साथ बहुमत में है। वहीं, अंता में जीत के बाद कांग्रेस 67 पर पहुंच गई है। इसके अलावा 8 निर्दलीय के साथ बसपा के दो और आरएलडी से एक विधायक है।
अगले साल जून से पहले तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इन तीन सीटों पर तो इस जीत का कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जब भी राज्यसभा की चार सीटों पर एक साथ चुनाव होंगे, उस समय इसका प्रभाव अवश्य दिख सकता है।
पिछले चुनाव में 5,861 वोट से हारने वाले प्रमोद जैन भाया इस बार करीब तीन गुना अंतर से जीतकर लौटे हैं। उपचुनाव की शुक्रवार को हुई मतगणना में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मोरपाल सुमन को 15612 वोटों से हराया। भाया को 69571 मत मिले। भाजपा के मोरपाल को 53 हजार 959 निर्दलीय नरेश मीणा को 53 हजार 800 वोट मिले। लगातार पांचवीं बार अंता से मैदान में उतरे भाया को तीसरी बार जीत मिली है।
भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त होने की वजह से अंता में उपचुनाव हुआ था। कंवरलाल को 20 साल पुराने एक मामले में दोषी करार दिया गया था। वे पूर्व सीएम राजे के करीबी माने जाते थे।
Updated on:
15 Nov 2025 10:01 am
Published on:
15 Nov 2025 09:15 am
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