रक्षाबंधन को लेकर राजस्थान के जयपुर के बाजार में कच्चे नारियल की डिमांड बढ़ गई है। शहर में रोजाना करीब चार लाख कच्चे नारियल की खपत हो रही है, जो सामान्य दिनों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक है। नारियल की इतनी बड़ी खपत पूरा करने के लिए तमिलनाडु और कर्नाटक से रोजाना तीन-चार हजार बोरी नारियल जयपुर आ रहे हैं। एक बोरी में 100 से 150 कच्चे नारियल आते हैं।
मुहाना मंडी व कुकरखेड़ा मंडी में कच्चा नारियल आ रहा है। मुहाना मंडी में इन दिनों रोजाना 2 लाख नारियल की खपत हो रही है। यहां 1 हजार से 1500 बोरी नारियल रोजाना आ रहे हैं। नारियल व्यापारी दयानंद नेभनानी ने बताया कि एक बोरी में 100, 120 व 150 नारियल आते हैं। तमिलनाडु से रोजाना पांच से सात गाड़ी नारियल आ रहे हैं। वहीं कुकरखेड़ा अनाज मंडी में इन दिनों दो से ढाई हजार बोरी नारियल आ रहे हैं। राजधानी मंडी जयपुर के अध्यक्ष रामचरण नाटाणी ने बताया कि कुकरखेड़ा मंडी में रोजाना दो लाख नारियल की खपत हो रही है।
मंडियों में होलसेल रेट में नारियल 30 से 32 रुपए में मिल रहा है। वहीं खुदरा बाजार में इन्हें दोगुना दाम में बेचा जा रहा है। इस बार नारियल की आवक कम होने से दुकानदार मुंह मांगे दाम वसूल रहे हैं। सांगानेरी गेट मंडी, लालकोठी मंडी, जनता कॉलोनी व आदर्श नगर मंडी के अलावा फेरीवाले भी कच्चा नारियल बेच रहे हैं। वहीं किराना की दुकानों पर भी इन दिनों कच्चा नारियल बिक रहा है।
नारियल के थोक विक्रेताओं ने बताया कि सामान्य दिनों में शहर में 70 से 80 हजार कच्चे नारियल प्रतिदिन बिकते हैं। वहीं रक्षाबंधन के एक सप्ताह पहले से यह आंकड़ा तीन से चार गुना बढ़ जाता है। इन दिनों तमिलनाडु से अधिक नारियल आ रहे हैं। ये नारियल कर्नाटक के नारियल की तुलना में सस्ते होते हैं।
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बहनें राखी बांधने के बाद शगुन के रूप में भाई को मिठाई के साथ कच्चा नारियल भेंट करती हैं। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि राखी रक्षासूत्र होती है। वहीं नारियल सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है। नारियल देकर लक्ष्मी और मान-सम्मान वृद्धि की कामना की जाती है।
Updated on:
07 Aug 2025 04:33 pm
Published on:
07 Aug 2025 03:51 pm