
जयपुर। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अपनी स्थापना के 175 वर्ष पूरे होने पर राजस्थान अन्तरराष्ट्रीय केंद्र, जयपुर में दो दिन की अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत की। अतीत का अन्वेषण, भविष्य का निर्माण: जीएसआई के 175 वर्ष संगोष्ठी का विषय है
उद्घाटन समारोह का शुभारम्भ केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किया। इस अवसर पर खान मंत्रालय के सचिव पीयूष गोयल, राजस्थान सरकार के खान और पेट्रोलियम विभाग के प्रधान सचिव टी. रविकांत, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक असित साहा तथा पश्चिमी क्षेत्र के अतिरिक्त महानिदेशक और विभागाध्यक्ष विजय वी. मुगल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम के भावपूर्ण गायन और सरस्वती वंदना से हुई, जिससे पूरे समारोह में एक प्रेरणादायक और गरिमापूर्ण वातावरण बना।इस संगोष्ठी में ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख भूवैज्ञानिक संगठनों के विशेषज्ञ तथा भारत और विदेश के कई संस्थानों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने भारत की वैज्ञानिक तरक्की, औद्योगिक विकास और देश की मजबूती में जीएसआई के 175 साल के योगदान की तारीफ की। उन्होंने आवश्यक खनिज अणवेष्ण को बढ़ाने, उन्नत एआई/एमएल-आधारित भूविज्ञान तनकीक को अपनाने और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को सहायता प्रदान करने के लिए भारत के आपदा-तैयारी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया। दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य भूविज्ञान से जुड़ी उन्नत तकनीकों, शोध, खनिज संसाधनों के बेहतर उपयोग तथा भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना है।
Published on:
20 Nov 2025 09:16 pm
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