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Raksha Bandhan 2025: जयपुर की बेटियों ने तैयार की राखियां, सीमाओं पर जाकर जवानों को खुद बांधेंगी रक्षा-सूत्र

जामडोली स्थित वात्सल्य साधना केंद्र से यात्रा की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ और भगवती आरती के साथ की गई। वाहन रैली के रूप में यात्रा अमर जवान ज्योति पहुंची, जहां श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

rakhi 2025
फोटो- पत्रिका

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन इस बार सिर्फ भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बेटियों ने इसे देशभक्ति से जोड़ते हुए एक राष्ट्रीय उत्सव का रूप दे दिया है। राजधानी सहित देशभर की बेटियों ने सैनिकों के सम्मान में राखी बांधने की परंपरा को जीवंत करते हुए यह संदेश दिया है कि देश की बेटियां भी सरहद के जवानों की रक्षक और हमसफर हैं।

डिजाइनर राखियां तैयार

जयपुर में 40 से अधिक स्कूली छात्राओं ने खुद अपने हाथों से एक से बढ़कर एक डिजाइनर राखियां तैयार की हैं। शहर सहित अन्य जगहों की बेटियां रक्षाबंधन से पहले सीमाओं तक पहुंचकर सैनिकों की कलाइयों पर राखी बांधेंगी। यह संदेश देने के लिए कि देश की बेटियां हर परिस्थिति में अपने वीर भाइयों के साथ खड़ी हैं। इस बार की राष्ट्रीय रक्षाबंधन यात्रा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित है।

15 अगस्त तक जारी रहेगा अभियान

जामडोली स्थित वात्सल्य साधना केंद्र से यात्रा की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ और भगवती आरती के साथ की गई। वाहन रैली के रूप में यात्रा अमर जवान ज्योति पहुंची, जहां श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साध्वी समदर्शी दीदी ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा में 70 हजार राखियों के साथ बेटियां सीमाओं की ओर प्रस्थान कर चुकी हैं। शक्ति पीठ समिति के उपाध्यक्ष विमल कुमार अग्रवाल और रामबाबू अमेरिया ने बताया कि विशेष शौर्य गाथाओं से जुड़े पत्र भी पोस्ट के जरिए भेजे गए हैं। यह अभियान 15 अगस्त तक जारी रहेगा।

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मानसरोवर मानसरोवर स्थित निलोक फाउंडेशन की ओर से बीकानेर क्षेत्र में तैनात भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और बीएसएफ के जवानों के लिए स्लम क्षेत्रों के बच्चों ने अपने हाथों से राखियां तैयार की हैं। फाउंडेशन की अर्पिता माथुर ने बताया कि वह स्वयं चौकी पर जाकर सैनिकों को राखी बांधेंगी। इसके साथ विशेष कार्ड और मिठाइयों के पैकेट भी भेंट किए जाएंगे।

इस अभियान में होप एंड गिव, स्पराइड प्रायर सहित अन्य संगठनों ने भी सहभागिता की है। स्कूलों में राखी मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गईं, जिनके माध्यम से दस हजार से अधिक राखियां तैयार की गई हैं। ये राखियां राजस्थान सहित देश के विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में गुरुवार को भेजी जाएंगी। इसके लिए जयपुर से 150 बेटियों का विशेष दल भी रवाना होगा। इस पहल से जुड़ी प्रभाती राय ने कहा, ‘जब कोई सैनिक हमारे दिए उपहारों को आंखों से लगाता है, तो ऐसा लगता है मानो पूरा देश हमें गले लगा रहा हो।’