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Emotional Voice Technology: जयपुर के इंजीनियर ने बनाया LUNA AI दुनिया का पहला मॉडल जो गा सकता है, बोल सकता है, भावनाएं समझता है

Indian Innovation: यह स्पीच टू स्पीच एआई मॉडल है। यह मॉडल इमोशनल वॉयल एआई की तरह काम करता है।

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Oct 31, 2025

Photo: Patrika Network

Photo: Patrika Network

Speech-to-Speech AI : जयपुर. भारत में इनोवेशन की रफ्तार अब किसी से कम नहीं। इसका ताजा उदाहरण हैं जयपुर के विद्याधर नगर निवासी 25 वर्षीय स्पर्श अग्रवाल। आईआईटी बीएचयू से मैकेनिकल में डिग्रीधारी स्पर्श ने दुनिया का पहला लूना एआई लांच किया है, जो न सिर्फ बात कर सकता है, बल्कि गाना और फुसफुसाना भी जानता है। यह स्पीच टू स्पीच एआई मॉडल है।

क्या है LUNA AI ?

ये पारंपरिक एआई की तरह टेक्स्ट को पहलेपढ़कर स्पीच में नहीं बदलता। बल्कि, ये डायरेक्ट ऑडियो इनपुट को ऑडियो आउटपुट में कन्वर्ट करता है। जैसे कोई दोस्त आपकी आवाज सुनकर वैसी ही टोन में जवाब दे। कल्पना करो: एआई जो आपकी उदासी को फील करके नरमी से बात करे, या पार्टी में जोश भरी आवाज में गाना गाए। ये मॉडल रीयल-टाइम में काम करता है, जो इसे गेमिंग, म्यूजिक, हेल्थकेयर और कारों के वॉइस असिस्टेंट्स के लिए परफेक्ट बनाता है। कंपनी का लक्ष्य है कि लूना एआइ्र को दुनिया के मनोरंजन, स्वास्थ्य और ऑटोमोबाइल सेक्टरों में वॉइस लेयर के रूप में इस्तेमाल किया जाए

Indian Innovation: स्पर्श की जर्नी, जज्बे से भरी कहानी

IIT-BHU के ग्रेजुएट स्पर्श ने 2024 में पिक्सा एआई शुरू किया। लेकिन रास्ता आसान नहीं था। फंडिंग की तंगी, रिसोर्सेज की कमी, फिर भी उन्होंने टीम के साथ मिलकर इसे रियल कर दिखाया। पत्रिका से बातचीत में स्पर्श ने बताया कि "संसाधनों से नहीं, जज्बे और स्किल्स से बने हैं हम" उनकी टीम में नितीश कार्तिक, अपूर्व सिंह और प्रत्यूष कुमार हैं। अब ये लूना को ग्लोबल लेवल पर ले जाने की तैयारी में हैं।

Global Tech Revolution: वैश्विक सपोर्ट और भविष्य की संभावनाएं

ये सिर्फ स्पर्श की जीत नहीं, बल्कि इंडियन इनोवेशन की जीत है। LUNA AI का इस्तेमाल एंटरटेनमेंट में वॉइस एक्टर्स के लिए, हेल्थकेयर में पेशेंट्स को इमोशनल सपोर्ट देने के लिए, और ऑटोमोबाइल्स में स्मार्ट वॉइस सिस्टम्स के रूप में हो सकता है। सोचो, आपकी कार जो न सिर्फ नेविगेट करे, बल्कि आपकी मूड के हिसाब से बात करे। देश से ऐसी टेक निकलना गर्व की बात है। स्पर्श जैसे युवा साबित कर रहे हैं कि उम्र और लोकेशन मायने नहीं रखते, आइडिया और मेहनत सब कुछ बदल देती है।