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Good News: शहरों में अब पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनेंगे और लोगों के लिए इसके जरिए भी कमाई का रास्ता खुलेगा। लगातार बढ़ती पार्किंग की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने भवन निर्माण के नियम (बिल्डिंग बायलॉज) में पार्किंग कॉम्प्लेक्स निर्माण की राह खोल दी है। इसमें जोड़े गए नए प्रावधान में अब 500 वर्गमीटर या इससे बड़े भू-खंड पर सार्वजनिक पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनाया जा सकेगा।
खास यह है कि पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनाने वालों को उसी भू-खंड के पर 10 प्रतिशत हिस्से पर दुकान, ऑफिस, शोरूम या अन्य व्यावसायिक गतिविधि करने की भी छूट होगी। यानी, पार्किंग की समस्या दूर करने के साथ-साथ इससे लोगों को कमाई का स्थायी जरिया भी मिलेगा। कॉम्प्लेक्स का 2 प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक सुविधाओं के लिए रखना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा पार्किंग कॉम्प्लेक्स में लिफ्ट, रैम्प और सुरक्षा के पूरे इंतजाम करना जरूरी होगा। सरकार ने मानचित्र स्वीकृति शुल्क में भी छूट दी है। पहले भवन नियमों में पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रावधान नहीं था। नगरीय विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि जैसलमेर नगर परिषद ने भी इस मामले में बायलॉज में स्पष्ट प्रावधान की जरूरत जताई थी।
-अपनी स्वयं की जमीन पर किसी भी भू-उपयोग (आवासीय, औद्योगिक, कॉमर्शियल व अन्य) पर निर्माण किया जा सकेगा। सुविधा क्षेत्र, वेयर हाउस की भूमि का भी उपयोग कर सकेंगे।
-भू-खंड क्षेत्रफल 500 से 1000 वर्गमीटर तक है तो वहां 12 मीटर चौड़ी सड़क पर निर्माण कर पाएंगे। जबकि, एक हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल एरिया के लिए 18 मीटर चौड़ी सड़क होगी।
-विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास और नगरीय निकाय अपनी जमीन पर भी बीओटी (बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर) आधार पर कॉम्पलेक्स बना सकेंगे। अनुबंधित कंपनी पैसा लगाकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण करेगी और निर्धारित अवधि तक 10 प्रतिशत हिस्सा कॉमर्शियल गतिविधि के लिए उपयोग कर पाएगी।
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को बढ़ावा देने के लिए बायलॉज में इससे जुड़े प्रावधानों में भी सहूलियत दी गई है। अब खेल मैदान, इंडोर, आउटडोर स्टेडियम और जिम्नेजियम जैसी खेल सुविधाओं के साथ-साथ सीमित स्तर तक होटल, रेस्टोरेंट और जनसुविधा केंद्र भी बनाए जा सकेंगे। इस सहूलियत के पीछे तर्क दिया है कि, प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनी या सरकारी एजेंसी इसका आसानी से निरंतर संचालन कर सकेगी। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए जमीन उपयोग, कवरेज और ऊंचाई से जुड़े मापदंडों का सरलीकरण किया गया है।
भारत सरकार की 'कम्प्लायंस रिडेक्शन एंड डीरेग्यूलेशन' नीति के तहत व्यावसायिक भवनों के मानदंड सरल किए गए हैं। अब ग्राउंड कवरेज तय सीमा के भीतर ही होगा और बहुमंजिला भवनों में भवन की ऊंचाई का एक चौथाई (अधिकतम 16 मीटर तक) ग्राउंड कवरेज क्षेत्र में शामिल माना जाएगा। यानी, अब व्यावसायिक भवनों की ऊंचाई और कवरेज तय सीमा से बाहर नहीं जा सकेगी।
Published on:
28 Sept 2025 03:53 pm
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