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जयपुर के सांगानेर में बनी कई कॉलोनियों पर चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट ने कहा- अतिक्रमण ध्वस्त कर 4 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करें

Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर क्षेत्र की अवाप्तशुदा भूमि पर अतिक्रमण मामले में जेडीए और आवासन मंडल पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब व पालना रिपोर्ट पेश करने का अंतिम मौका दिया। यह मामला आवासन मंडल की भूमि पर 86 कॉलोनियों से जुड़ा है।

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जयपुर

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Arvind Rao

Nov 11, 2025

Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट (फोटो- पत्रिका)

Rajasthan High Court: जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सांगानेर क्षेत्र में अवाप्तशुदा भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सोमवार को जवाब पेश नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

साथ ही अंतिम मौका देते हुए आवासन मंडल और जयपुर विकास प्राधिकरण को चार सप्ताह में जवाब व पालना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अब नौ दिसंबर को सुनवाई होगी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश बीएस संधू की खंडपीठ ने पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर सोमवार को यह आदेश दिया। प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी और डॉ. टीएन शर्मा ने कहा कि जेडीए व आवासन मंडल ने अभी तक अदालती आदेश की पालना नहीं की है।

ऐसे में जेडीए और आवासन मंडल को खाली भूखंडों पर कब्जा लेने के निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने सन्नी विकास समिति और श्रीराम कॉलोनी के प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के दौरान समिति पदाधिकारियों के बारे में पूछा तो विकास समिति उसका जवाब नहीं दे पाई। कोर्ट ने कहा कि इंटर्वीनर के तौर पर संबंधित लोगों का पक्ष सुना जाएगा।

वहीं, राज्य सरकार और आवासन मंडल की ओर से कहा गया कि अवाप्त भूमि में से 92 प्रतिशत पर आवासन मंडल फ्लैट बना चुका है और करीब 882 बीघा भूमि पर बसी कॉलोनियों में लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। करीब एक हजार बीघा से ज्यादा जमीन खाली है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें सरकारी अवाप्तशुदा भूमि की चिंता है। सभी अतिक्रमण तुरंत हटाए जाएं। सरकारी पक्ष के आठ सप्ताह का समय मांगने पर कोर्ट ने नौ दिसंबर तक सुनवाई टालते हुए कहा कि अब समय नहीं दिया जाएगा।

अगस्त में दिया था अतिक्रमण हटाने का आदेश

हाईकोर्ट ने अगस्त में दिए गए अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को आवासन मंडल की अवाप्तशुदा भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।


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