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NCERT पाठ्यपुस्तक विवाद: रविन्द्र भाटी बोले- ‘इतिहास को कलंकित करने का प्रयास’, शिक्षामंत्री से की ये मांग

NCERT Class 8 History Map Error: NCERT की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में प्रकाशित एक मानचित्र ने राजस्थान में विवाद को जन्म दिया है।

MLA Ravindra Bhati
निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, फोटो- एक्स हैंडल

NCERT Class 8 History Map Error: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में प्रकाशित एक मानचित्र ने राजस्थान में विवाद को जन्म दिया है। इस मानचित्र में मराठा साम्राज्य के विस्तार को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जिसमें मेवाड़, जैसलमेर, बूंदी और अलवर सहित राजस्थान की कई प्रमुख रियासतों को 1759 में मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है।

इस ऐतिहासिक त्रुटि ने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास और क्षेत्रीय अस्मिता पर सवाल खड़े किए हैं। इस मुद्दे पर शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान के साथ खिलवाड़ करार दिया है।

NCERT की पाठ्यपुस्तक में गलत नक्शा

NCERT की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक 'Exploring Society: India and Beyond' (नए संस्करण, जुलाई 2025) में शामिल एक नक्शे ने इतिहासकारों, शिक्षाविदों और राजनेताओं के बीच बहस छेड़ दी है। इस नक्शे में राजस्थान की कई स्वतंत्र रियासतों को मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाया गया है, जो ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत माना जा रहा है।

इतिहास के जानकारों का कहना है कि मेवाड़, जैसलमेर, बूंदी और अलवर जैसी रियासतें अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए जानी जाती थीं, और इन्हें मराठा साम्राज्य का हिस्सा दिखाना तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है।

रविंद्र सिंह भाटी की कड़ी प्रतिक्रिया

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने NCERT और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इतिहास की गलत व्याख्या करना न सिर्फ़ शैक्षणिक सत्यनिष्ठा के विरुद्ध है, बल्कि यह समाज की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान को भी गहरी क्षति पहुँचाता है।

NCERT की कक्षा 8वीं की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक “Exploring Society: India and Beyond” (New Edition, July 2025) में मराठा साम्राज्य के विस्तार का जो नक्शा जोड़ा गया है, वह ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत और भ्रामक है । यह केवल एक पाठ्यपुस्तक की त्रुटि नहीं है, बल्कि राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, हमारे पूर्वजों के बलिदानों, संप्रभुता और वीरगाथाओं को कलंकित करने का एक प्रयास प्रतीत हो रहा है और राजस्थान की अस्मिता के साथ खिलवाड़ है। इतिहास विकृतिकरण का यह प्रयास भारत की एकता और अखंडता की भावना को खंडित करने जैसा है।

यहां देखें वीडियो-


मराठा इतिहास की गलत प्रस्तुति

भाटी ने कहा कि NCERT व शिक्षा मंत्रालय को चाहिए कि वे इस गलती को अतिशीघ्र सुधारें। पाठ्यपुस्तकों में तथ्यात्मक सटीकता सुनिश्चित की जाए और राजस्थान की रियासतों को उनके वास्तविक गौरव और ऐतिहासिक भूमिका के अनुरूप जगह दी जाए। क्षेत्रीय स्वाभिमान व विविधता को विकृत करना, चाहे वह मराठी, राजस्थानी या किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हो, बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। मराठा इतिहास अपने आप में गौरवशाली है, लेकिन उसकी गलत सीमाओं का चित्रण करके न तो इतिहास का सम्मान होता है और न ही शिक्षा-व्यवस्था की विश्वसनीयता बचती है।

केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग

उन्होंने कहा कि यह विषय न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राष्ट्र की साझा विरासत और विविधता की सांस्कृतिक समझ से जुड़ा है। NCERT और माननीय शिक्षा मंत्रीजी को इस पर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए और ऐतिहासिक सच्चाई को बिना किसी क्षेत्रीय या राजनीतिक पूर्वाग्रह के, न्यायसंगत रूप से प्रस्तुत करना चाहिए।

इस विवाद का हो रहा व्यापक असर

बता दें, यह विवाद राजस्थान के शैक्षणिक और सामाजिक हलकों में व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। इतिहासकारों और शिक्षाविदों ने भी इस गलती को गंभीर बताया है और मांग की है कि NCERT भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ले। कई संगठनों और स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे राजस्थान की सांस्कृतिक अस्मिता पर हमला बताया है।