12 अगस्त 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Rajasthan Politics: पंचायत चुनाव का काउंटडाउन शुरू, परिसीमन रिपोर्ट तैयार; जल्द ही CM को सौंपी जाएगी

Rajasthan Politics: राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के परिसीमन को लेकर मंत्रिस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है।

Panchayat elections in Rajasthan
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan Politics: राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के परिसीमन को लेकर मंत्रिस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट को जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत समिति को नई ग्राम पंचायतों के गठन के लिए 2,000 से 3,000 तक प्रस्ताव और पंचायत समितियों के लिए 115 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

समिति ने ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुनर्गठन के लिए सभी प्रस्तावों की गहन समीक्षा की है। राज्य सरकार ने परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 4 जून की समय सीमा तय की थी, लेकिन यह समय सीमा चूक गई, जिसके कारण पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

मंत्री गहलोत ने दिए थे संकेत

इससे हले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया था कि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि यदि प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ती है तो दिसंबर 2025 तक पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। यह कदम 'वन स्टेट-वन इलेक्शन' की तर्ज पर उठाया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक और आर्थिक संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।

यहां देखें वीडियो-


लंबे समय से अनिश्चितता का माहौल

बता दें, राजस्थान में पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर लंबे समय से अनिश्चितता का माहौल है। प्रदेश की जनता इन चुनावों का बेसब्री से इंतजार कर रही है। परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया के कारण इन चुनावों में देरी हो रही है। वर्तमान में प्रदेश की 6,500 से अधिक ग्राम पंचायतों और 50 से ज्यादा नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है।

जनवरी पंचायतों का कार्यकाल खत्म

बताते चलें कि जनवरी 2025 में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने भी इस देरी पर सवाल उठाए हैं और सरकार तथा राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा था कि इन चुनावों को कब तक कराया जाएगा। अप्रैल में दाखिल एक शपथपत्र में सरकार ने दावा किया था कि मई-जून तक परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिसके बाद चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी। हालांकि, यह प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक परिसीमन प्रक्रिया के तहत प्राप्त प्रस्तावों में नई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के गठन के साथ-साथ मौजूदा ढांचे में बदलाव के सुझाव शामिल हैं। चर्चा है कि भजनलाल सरकार इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर चुनाव की तारीखें घोषित करना चाहती है।