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अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन में परोसा पिज्जा-पास्ता, कैसे मिलेगा मातारानी का आशीर्वाद,हलवा-चना ही सच्चा सम्मान

इस बार शहर के कुछ हाईप्रोफाइल परिवारों और संगठनों ने इस परंपरा को नजरअंदाज कर दिया। कन्याओं को फास्ट फूड जैसे पिज्जा, पास्ता, बर्गर और पेस्ट्री परोसे गए। जबकि परंपरा के अनुसार हलवा-चना ही सच्चा सम्मान है।

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कन्या पूजन में परोसा पिज्जा-पास्ता, हलवा-चना ही सच्चा सम्मान, फोटो मेटा एआइ

जयपुर.नवरात्रि के पावन अवसर पर कन्या पूजन का महत्व केवल एक धार्मिक रस्म तक सीमित नहीं है। इसमें बच्चियों को भोजन परोसा जाना भी परंपरा का अहम हिस्सा रहा है। हलवा, पूड़ी और चना जैसे व्यंजन न केवल स्वाद में अलग होते हैं, बल्कि ये शरीर को ऊर्जा, पाचन तंत्र को ताकत और मन को मानसिक पवित्रता भी प्रदान करते हैं। लेकिन इस बार शहर के कुछ हाईप्रोफाइल परिवारों और संगठनों ने इस परंपरा को नजरअंदाज कर दिया। कन्याओं को फास्ट फूड जैसे पिज्जा, पास्ता, बर्गर और पेस्ट्री परोसे गए। कुछ जगहों पर तो यह ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि फास्ट फूड न केवल पोषणहीन होता है, बल्कि यह शरीर और मन को अशुद्ध कर सकता है।

धार्मिक संस्कार दिखावे से न जोड़ें

कन्या पूजन का शास्त्रों के अनुसार महत्व कन्या पूजन केवल एक रस्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है, जो धर्मशास्त्रों में स्पष्ट रूप से स्थापित है। नवरात्रि में हलवा-चना जैसे सात्विक भोजन का महत्व शारीरिक और मानसिक पवित्रता के लिए अनिवार्य है। शास्त्रों के अनुसार,पूजन में राजसिक और तामसिक भोजन जैसे पिज्जा-पास्ता का कोई स्थान नहीं है। ऐसे पदार्थ शरीर और मन को अशुद्ध करते हैं और धर्म की परंपरा से दूर ले जाते हैं। आधुनिकता स्वीकार्य है, लेकिन धार्मिक संस्कारों को दिखावे और ग्लैमर के साथ जोडऩा गलत है। परंपरा की सादगी और शुद्धता ही उसकी सार्थकता है।

कन्या पूजन का शास्त्रों के अनुसार महत्व

हलवा, चना और सात्विक भोजन से शरीर और मन दोनों पवित्र होते हैं पूजन में सात्विक भोजन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास में सहायक है पवित्र भोजन और अनुष्ठान से मनोबल बढ़ता है और संस्कार मजबूत होते हैं।

फास्ट फूड से होती है पोषण की कमी

नियमित रूप से फास्ट फूड खाने वाले बच्चे जल्दी थकावट महसूस करते हैं, उनकी एकाग्रता में कमी आती है और उनका वजन असामान्य रूप से बढ़ सकता है। साथ ही, इसमें विटामिन, मिनरल्स और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण ये बच्चे पोषण संबंधी कई समस्याओं का सामना कर सकते हैं। -डॉ. अशोक गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ

शरीर को ऊर्जा देता है पारंपरिक भोजन

हलवा, चना और पूड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन प्राकृतिक और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथसाथ पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी हैं। पिज्जा, पास्ता और पेस्ट्री जैसी चीजों में अत्यधिक तेल, नमक, चीनी और परिष्कृत मैदा होता है। छोटे बच्चों में इसका नियमित सेवन मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज और पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देता है। -डॉ. अंजलि फाटक, विशेषज्ञ आहार