
Polio Awareness: जयपुर. प्रदेश में 23 नवम्बर, रविवार को आयोजित होने जा रहा उप राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अभियान के तहत जन्म से पांच वर्ष तक के एक करोड़ से अधिक बच्चों को निःशुल्क पोलियो की दो बूंदें पिलाई जाएंगी, ताकि वे इस घातक और अपंगता फैलाने वाली बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित रह सकें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर द्वारा अभिभावकों से की गई अपील इस बात का संकेत है कि सरकार के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रहे। भले ही भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया जा चुका है, फिर भी पड़ोसी देशों में इसके मामलों को देखते हुए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। पोलियो एक ऐसा संक्रामक रोग है जो बच्चे के जीवन को हमेशा के लिए प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता और सहभागिता जरूरी है।
इस अभियान की खास बात यह है कि प्रदेश भर में लगभग 58 हजार से अधिक पोलियो बूथ स्थापित किए गए हैं, साथ ही हजारों मोबाइल और ट्रांजिट टीमें भी तैनात की गई हैं, जो घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी। यह व्यवस्था इस बात को सुनिश्चित करेगी कि कोई भी बच्चा दवा से छूट न जाए, चाहे वह दूरदराज क्षेत्र में ही क्यों न हो।
जनजागरूकता के स्तर पर यह अभियान सभी नागरिकों के लिए संदेश है कि पोलियो की दो बूंदें केवल दवा नहीं, बल्कि बच्चे के उज्ज्वल और स्वस्थ जीवन की गारंटी हैं। हर माता-पिता, शिक्षक और समाजसेवी का दायित्व है कि वे दूसरों को भी प्रेरित करें और बच्चों को समय पर पोलियो की खुराक दिलवाएं। यही सहभागिता प्रदेश को पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में मजबूत आधार बनेगी।
Published on:
22 Nov 2025 05:03 pm
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