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राजस्थान में शराब के शौकीनों के लिए खबर, अब मिनटों में पता चलेगा शराब असली है या नकली, जानें कैसे?

राजस्थान आबकारी विभाग ने ‘राज एक्साइज सिटिजन एप’ लांच किया। अब उपभोक्ता शराब की बोतल का QR कोड या होलोग्राम स्कैन कर उसकी असलियत, ब्रांड, एमआरपी और निर्माता की जानकारी जान सकेंगे।

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जयपुर

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Arvind Rao

Oct 31, 2025

Rajasthan Excise Department

Raj Excise Citizen App (Photo-AI)

जयपुर: अब अगर आप शराब खरीदते समय यह जानना चाहते हैं कि बोतल असली है या नकली, तो आपके लिए खुशखबरी है। राजस्थान के आबकारी विभाग ने ‘राज एक्साइज सिटिजन एप (Raj Excise Citizen App) लांच किया है।


बता दें कि इस एप की मदद से कोई भी व्यक्ति शराब की बोतल पर लगे होलोग्राम या क्यूआर कोड को स्कैन करके उसकी असलियत पता कर सकेगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, इस पहल का मुख्य उद्देश्य अवैध और मिलावटी शराब के कारोबार पर रोक लगाना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।


उन्होंने कहा, अनधिकृत स्रोतों से खरीदी गई शराब सेहत के लिए खतरनाक और जानलेवा भी हो सकती है। इस एप से उपभोक्ता बोतल स्कैन करके ब्रांड का नाम, एमआरपी, पैकिंग साइज, बैच नंबर, निर्माण तिथि और निर्माता का नाम जैसी पूरी जानकारी तुरंत देख सकेंगे। इससे उन्हें यह तय करने में आसानी होगी कि बोतल असली है या नहीं।


अधिकारी के मुताबिक, यह एप न सिर्फ उपभोक्ताओं को जागरूक करेगा। बल्कि शराब व्यापार में पारदर्शिता लाने का भी काम करेगा। अगर किसी दुकान या व्यक्ति द्वारा अवैध शराब बेची जा रही हो या एमआरपी से ज्यादा दाम वसूले जा रहे हों, तो नागरिक सीधे विभाग की टोल फ्री नंबर 1800-180-6436 पर शिकायत कर सकते हैं या excisecontrolroom@rajasthan.gov.in अथवा mailto:excisecontrolroom@rajasthan.gov.in पर मेल भेज सकते हैं। विश्वसनीय सूचना मिलने पर विभाग तुरंत कार्रवाई करेगा।


विभाग ने बताया कि यह एप pexcise.rajasthan.gov.in वेबसाइट से या गूगल पर ‘PEMS-2.0’ सर्च करके डाउनलोड किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, जैसे-जैसे नागरिक सतर्क होंगे, वैसे-वैसे अवैध शराब का नेटवर्क खत्म होता जाएगा और राजस्थान का शराब व्यापार ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनेगा।


पहल का स्वागत


शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। जयपुर के सी-स्कीम स्थित एक वेंड पर काम करने वाले व्यक्ति ने कहा, कई बार शराब के स्वाद में हल्का फर्क आने पर भी उपभोक्ता शिकायत कर देते हैं। अब वे खुद जानकारी जांच सकेंगे। साथ ही जो व्यापारी सस्ती शराब में महंगी ब्रांड मिलाकर बेचते हैं, उनकी मनमानी पर भी रोक लगेगी।