
Ashok Gehlot and Arun Chaturvedi (Patrika Photo)
Rajasthan SIR Political Row: जयपुर: राजस्थान के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चुनाव आयोग सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर लगाए गए आरोपों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, गहलोत अपनी ही पार्टी में अपनी स्थिति बनाए रखने की कोशिश में संस्थाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाकर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला कर रहे हैं।
पूर्व बीजेपी अध्यक्ष चतुर्वेदी ने कहा, अशोक गहलोत कई वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे हैं और बड़े नेता माने जाते हैं। लेकिन आज वे बहुत कमजोर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया, कांग्रेस पार्टी हार के कारण चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट, सेना, ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं की नीयत पर सवाल उठाकर जनता के विश्वास को तोड़ने का काम कर रही है।
अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस के रवैये पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, यह पहली बार नहीं है कि वोटर लिस्ट की विशेष पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया हो रही है। कांग्रेस के शासन में भी यह प्रक्रिया हुई थी, तब उन्हें कोई समस्या नहीं थी। लेकिन अब वे कह रहे हैं कि EVM हैक हो रहे हैं, बैलेट पेपर चोरी हो रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस लगातार चुनावी प्रक्रिया पर शक जताकर आम जनता के मन में भ्रम पैदा कर रही है। उनका आरोप था कि कांग्रेस SIR प्रक्रिया का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि इससे अवैध प्रवासियों को वोट देने से रोका जा सकता है। चतुर्वेदी ने कांग्रेस से सीधा सवाल किया कि क्या आप भारत के नागरिकों की पार्टी हैं या अवैध प्रवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं? इस सवाल का जवाब कांग्रेस को देना होगा।
बता दें कि बुधवार को अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि ECI शुरू से ही केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ मिलीभगत में काम कर रहा है। उनका दावा था कि SIR प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के बजाय आयोग ने राजनीतिक दलों को विश्वास में नहीं लिया, जिससे विवाद बढ़ते चले गए।
गहलोत ने यह भी कहा कि यदि आयोग सभी राजनीतिक दलों से बैठक करता और प्रक्रिया को समझाता, तो विवाद पैदा ही नहीं होते। उन्होंने SIR के दौरान देशभर में तीन बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की आत्महत्या की घटनाओं का भी उल्लेख किया और ECI से इन दुर्भाग्यपूर्ण मौतों पर जवाब मांगा।
इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुण चतुर्वेदी ने कहा, कांग्रेस की यह रणनीति लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, पहले वे सुप्रीम कोर्ट की नीयत पर सवाल उठाते हैं, फिर सेना को लेकर बयान देते हैं, अब चुनाव आयोग को भी निशाना बना रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर ऐसे सवाल जनता में अविश्वास पैदा करते हैं।
गहलोत ने हाल में बिहार चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा था कि चुनाव आयोग मौन दर्शक की तरह बैठा रहा, जबकि कथित रूप से बीजेपी द्वारा महिलाओं को लाभ और धन वितरण किया गया, जो आचरण संहिता का उल्लंघन था। गहलोत का कहना है कि इसी कारण लोगों के मन में ECI की “विश्वसनीयता को लेकर संदेह” गहरा रहा है।
कांग्रेस जिस तरह संस्थाओं पर लगातार सवाल उठा रही है, वह उसके लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बन सकता है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि चुनाव आयोग और अन्य संस्थाओं पर सवाल उठाना जनता के जनमत को अस्वीकार करने जैसा है। अरुण चतुर्वेदी ने अंत में कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास रखती है या नहीं।
Updated on:
21 Nov 2025 11:04 am
Published on:
21 Nov 2025 11:03 am
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