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Mining Department: जयपुर। राज्य सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले खान एवं भूविज्ञान विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक का सर्वाधिक राजस्व अर्जित किया है। विभाग द्वारा 8 अक्टूबर तक 4404 करोड़ 98 लाख रुपए का राजस्व संग्रहित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 60 करोड़ रुपए अधिक है। यह आंकड़ा अब तक का सर्वाधिक राजस्व है, जो विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार और बेहतर निगरानी का परिणाम है।
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि खनन क्षेत्र में जुलाई-अगस्त के दौरान हड़ताल और अन्य कारणों से राजस्व पर असर पड़ा था, लेकिन सितंबर में समन्वित प्रयासों से राजस्व वसूली ने गति पकड़ी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नए और पुराने बकाया सहित सभी संभावित राजस्व स्रोतों पर नियमित समीक्षा की जाएगी, ताकि कोई भी राजस्व छीजत न हो।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि एमनेस्टी, अवैध खनन पर लगाए गए जुर्माने, आरसीसी-ईआरसीसी सहित सभी बकाया वसूली की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इस वित्तीय वर्ष विभाग को 12,980 करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य दिए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 9,228 करोड़ 21 लाख रुपए राजस्व के रूप में राजकोष में जमा कराए गए थे।
वित्तीय सलाहकार गिरीश कछारा को प्रतिदिन राजस्व प्रगति की समीक्षा कर सरकार को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। खान निदेशक महावीर प्रसाद मीणा ने आश्वस्त किया कि राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी अधिकारी मिलकर कार्य करेंगे। जैसलमेर जिले ने वार्षिक लक्ष्य का 99.11 प्रतिशत पूरा कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जबकि भीलवाड़ा जिले ने सर्वाधिक 880 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया है।
Published on:
09 Oct 2025 07:52 pm
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