Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

छह माह बाद भी एसओपी जारी नहीं, कैसे हो खानों का ड्रोन सर्वे

खान एवं भू-विज्ञान विभाग सभी खानों का हर साल ड्रोन सर्वे कराकर विभाग में रिपोर्ट पेश करने को लेकर अधिसूचना जारी कर भूल गया।अधिसूचना जारी करने के बाद नियमों को लेकर एसओपी जारी हुई ही नहीं। नतीजतन सर्वे नहीं हो पा रहा है। दरअसल प्रदेश की 17 हजार से अधिक खानों में क्षेत्र से बाहर खनन रोकने और बताई गई सीमा से अधिक खनन पर निगरानी के लिए ड्रोन सर्वे होना है।

जयपुर

GAURAV JAIN

Jul 03, 2025

- जनवरी में अधिसूचना के तत्काल बाद खान निदेशालय को जारी करनी थी एसओपी

- राज्य की 17 हजार खानों में से करीब 40 फीसदी में सीमा विवाद

जयपुर.

खान एवं भू-विज्ञान विभाग सभी खानों का हर साल ड्रोन सर्वे कराकर विभाग में रिपोर्ट पेश करने को लेकर अधिसूचना जारी कर भूल गया।अधिसूचना जारी करने के बाद नियमों को लेकर एसओपी जारी हुई ही नहीं। नतीजतन सर्वे नहीं हो पा रहा है। दरअसल प्रदेश की 17 हजार से अधिक खानों में क्षेत्र से बाहर खनन रोकने और बताई गई सीमा से अधिक खनन पर निगरानी के लिए ड्रोन सर्वे होना है।

बताया जा रहा है कि माइनर मिनरल की करीब 17 हजार खानों में से लगभग 40 फीसदी का क्षेत्र ही सही तरीके से तय नहीं होने से इन खानों का सर्वे नहीं हो पा रहा।

विभाग अब खानों का एरिया सही तरीके से चिन्हित करने को लेकर नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। खान आवंटन के समय मौके पर खनन क्षेत्र चिन्हित करने की पुरानी व्यवस्था फीता और कम्पास ही था। इससे सही क्षेत्र चिन्हित नहीं हो पाता था। यही वजह है कि 40 फीसदी खदानों में क्षेत्र विवाद है। आवंटित खनन क्षेत्र कहीं और खनन कहीं अलग जगह हो रहा है। इस विरोधाभास को दूर करने के लिए पहले खानों का गूगल मैप से सही क्षेत्र चिन्हित होगा। उसके बाद खानों का ड्रोन सर्वे हो सकेगा।

छह माह पहले जारी हो चुकी अधिसूचना

खान विभाग के सूत्रों के मुताबिक खानों का ड्रोन सर्वे कराने को लेकर 24 अक्टूबर 2024 को विभाग ने अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद खान निदेशालय को ड्रोन सर्वे को लेकर एसओपी जारी करनी थी। जिससे कि सभी ड्रोन सर्वे के नियम आसानी से समझ सके, लेकिन निदेशालय 6 माह बाद भी एसओपी जारी नहीं कर सका है।

इधर बढ़ाई जा चुकी अवधि

विभाग ने जनवरी में ड्रोन सर्वे को लेकर अधिसूचना जारी कर 30 जून 2025 तक सभी खान संचालकों को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था, लेकिन एसओपी जारी नहीं होने और बाद में ऑपरेशन सिंदूर के चलते ड्रोन उड़ाने पर लगी रोक के चलते सर्वे नहीं हो सका। हाल ही इसकी अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दी है, लेकिन अब भी खान निदेशालय सर्वे को लेकर एसओपी जारी नहीं कर सका है।