मुश्किल में आमजन
मार्बल कारोबारी, मंडी व्यापारी, पीडब्ल्यूडी ठेकेदार और निजी अस्पताल संचालक की हड़तालों ने आमजन को मुश्किल में डाला
जयपुर. राजस्थान इन दिनों हड़तालों की गिरफ्त में है। कहीं खदानों से मार्बल नहीं निकल रहा, कहीं मंडियों के दरवाजे बंद हैं। निर्माण कार्यों के ठप होने से विकास परियोजनाएं अटकी हैं और अस्पतालों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। इन अलग-अलग हड़तालों का बोझ सबसे ज्यादा आमजन पर ही पड़ा है।
आरजीएचएस
इलाज अब कैश पर
निजी अस्पतालों ने करोड़ों रुपये का भुगतान अटकने पर आरजीएचएस योजना में कैशलेस इलाज बंद कर दिया। इसका असर लाखों कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके परिवारों पर पड़ा है। भर्ती होने वाले मरीजों को अब कैश में बिल चुकाना होगा, कई लोग इलाज टालने को मजबूर होंगे।
मार्बल कारोबार
रॉयल्टी से भड़के व्यापारी
मार्बल पर रॉयल्टी 320 से बढ़ाकर 400 रुपये टन होने के विरोध में कारोबारी और मजदूर सड़कों पर उतरे। उन्होंने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। इससे मजदूरों की रोजी और मकान बनाने वालों की जेब पर असर पड़ रहा है
पीडब्ल्यूडी ठेकेदार
तीन माह से काम ठप
पीडब्ल्यूडी ठेकेदार 14 मांगों को लेकर तीन माह से हड़ताल पर हैं। नतीजा सड़क, पुल और सरकारी भवनों का निर्माण अटका पड़ा है। विकास परियोजनाएं अधर में हैं और ठेकेदारों-मजदूरों की रोजी पर संकट है।
कृषि मंडियां
किसानों को झटका
247 कृषि उपज मंडियों में 13 अगस्त से व्यापार बंद है। व्यापारी यूजर चार्ज को अव्यवहारिक बता रहे हैं। इससे दाल-चावल-तेल महंगे होने का खतरा है और किसानों को उपज बेचने में दिक्कत आ रही है।
इधर, एक हड़ताल स्थगित होने से राहत
खनन और क्रेशर संचालकों की हड़ताल स्थगित, मकान बनाने वालों और मजदूरों को फिलहाल राहत।
असर का नक्शा
इलाज पर असर:आरजीएचएस बंद- कर्मचारी-पेंशनभोगी परेशान
उद्योग पर असर: मार्बल कारोबार ठप- मजदूर बेरोजगार
विकास पर असर: ठेकेदार रुके-प्रोजेक्ट अटके
खेती पर असर: मंडियां बंद-किसानों की उपज फंसी
Published on:
20 Aug 2025 05:58 pm