
प्रदेश के भीलवाड़ा और अजमेर जिले में पिछले दिनों के दौरान दो अलग-अलग मामलों में ग्राम विकास अधिकारियों की ओर से आत्महत्या किए जाने के मामलों को लेकर शुक्रवार को ग्राम विकास अधिकारी संघ की जैसलमेर शाखा के तत्वावधान में ग्राम विकास अधिकारियों ने जिला परिषद कार्यालय परिसर में श्रद्धांजलि और संकल्प सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर आत्महत्या करने वाले साथियों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर राज्य सरकार को जिला कलक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेज कर विभिन्न मांगें की गई। ज्ञापन में ग्राम विकास अधिकारियों की ओर से आत्महत्या किए जाने के कथित दोषी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया गया कि हाल में 11 नवम्बर को पंचायत समिति शाहपुरा, भीलवाड़ा के ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल मीणा पर ग्राम पंचायत गिरडीया में अनाधिकृत व्यक्तियों व विभागीय अधिकारियों की ओर से लंबे समय से अनुचित कार्य करवाने का दबाव डाला जा रहा था। जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को मृतक साथी व परिजनों की ओर से मौखिक व लिखित रूप में बार बार दी गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने बताया कि इस प्रशासनिक प्रताडऩा एवं मानसिक उत्पीडऩ के कारण शंकर लाल मीणा ने आत्महत्या जैसा हृदयविदारक कदम उठाया। इससे पूर्व 27 अक्टूबर को पंचायत समिति केकड़ी, जिला अजमेर में भी ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमार कुमावत ने मानसिक अवसाद में अपनी जीवन लीला समाप्त की। इन घटनाओं से प्रदेश के 10 हजार ग्राम विकास अधिकारियों में आक्रोश एवं निराशा व्याप्त है।
संघ ने दोनों ग्राम विकास अधिकारियों की घटना की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच करवाने, घटना के दोषी लोगों के विरुद्ध दर्ज मुकद्दमों की शीघ्र जांच करवाकर आगामी 7 दिवस में अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी व प्रशासनिक कार्रवाई करवाने, दिवंगत ग्राम विकास अधिकारियों के परिजनों को 30 दिवस में अनुकंपा नियुक्ति देने, कार्य व्यवस्था के नाम पर पंचायत समिति एवं जिला परिषद स्तरीय अधिकारियों द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रत्येक ब्लॉक पर पंचायत समिति स्तरीय अधिकारियों एवं समस्त ग्राम विकास अधिकारियों की प्रतिमाह प्रकोष्ठ बैठकें आयोजित करने के पुन: स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करवाने की मांगें की गई। उन्होंने कहा कि अन्यथा संगठन की तरफ से विवश होकर प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
Published on:
14 Nov 2025 09:11 pm
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