
पीले पत्थरों के सुनहरे शहर में इस दशहरे में 10 बुराइयों को निकालकर समाज में अच्छाई की लौ जलाने की जरूरत महसूस की जा रही है। पारंपरिक रूप से रावण दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रहा है। इस बार इस पर्व पर जरूरत है सकारात्मक बदलाव और नैतिक जिम्मेदारी का संदेश देने की। संकल्प लेने की जरूरत है कि रावण जलाते समय हम केवल पुतले नहीं, अपनी नकारात्मक आदतों और प्रवृत्तियों को भी जड़ से मिटाने का संकल्प लें।
ृृ़ृ1. नशाखोरी: शराब, मादक पदार्थ और तंबाकू आदि हानिकारक पदार्थों की प्रवृत्ति।
संकल्प: युवाओं को लेनी होगी नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवन अपनाने की शपथ।
संकल्प: महिलाओं के प्रति सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना।
संकल्प: स्वरोजगार, प्रशिक्षण और स्किल डवलपमेंट।
संकल्प: पारदर्शिता, निगरानी और सक्रिय भागीदारी।
संकल्प: ट्रैफिक नियमों का पालन और सडक़ सुरक्षा जागरुकता।
Published on:
01 Oct 2025 11:07 pm
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