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चक आबादियों में निगरानी नहीं, नहरी क्षेत्र में सुरक्षा पर उठे सवाल

सीमाई सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील सरहदी जिले जैसलमेर में इन दिनों नहरी क्षेत्र और चक आबादियों में निगरानी तंत्र कमजोर दिखाई दे रहा है।

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सीमाई सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील सरहदी जिले जैसलमेर में इन दिनों नहरी क्षेत्र और चक आबादियों में निगरानी तंत्र कमजोर दिखाई दे रहा है। हाल ही में नहरी क्षेत्र में एटीएम लूट और नहरी इलाके में हुए हत्याकांड ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले सरहदी जिले में आबादी घनत्व मात्र 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे निगरानी तंत्र को प्रभावी बनाना चुनौती बना हुआ है। नहरी क्षेत्र में बसे चक व ढाणियों में कृषि, मजदूरी और पशुपालन करने वाले लोगों के बीच अब बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही बढ़ रही है। क्षेत्रवासियों के अनुसार इन इलाकों में बिना नंबर वाले दोपहिया और चारपहिया वाहन दौड़ते आम दृश्य बन गए हैं। आशंका है कि इनमें से कई वाहन चोरी के भी हो सकते हैं। नाचना, मोहनगढ़ और रामगढ़ सहित 8 थाना क्षेत्र प्रतिबंधित माने जाते हैं, जहां वैधानिक अनुमति के बाद ही बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर सकते हैं। क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 1996 के तहत यह प्रावधान लागू है, लेकिन नियमों का पालन कागजों तक सीमित दिख रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीमित नफरी और वाहनों के रख- रखाव के लिए अपर्याप्त बजट होना पुलिस तंत्र के लिए परेशानी बना है। बीट कांस्टेबल स्तर पर अन्य राज्यों से आने वालों की जानकारी जुटाई जाती है, लेकिन विशाल भू-भाग के कारण यह प्रयास पर्याप्त नहीं है।

जिम्मेदार बोले- सुरक्षा एजेंसियों से सामंजस्य, बेहतर प्रबंधन का प्रयास

मोहनगढ़ थाना प्रभारी नाथूसिंह का कहना है कि उपलब्ध नफरी के बेहतर प्रबंधन से कार्य किया जा रहा है। आसपास के थानों से सहयोग लेकर बाहरी लोगों और बिना नंबरी वाहनों की जानकारी सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र और सुरक्षा सखी नेटवर्क से जुटाई जा रही है। इसी तरह नाचना थाना प्रभारी भूटाराम के अनुसार बीट कांस्टेबल सीमावर्ती क्षेत्रों में अन्य राज्यों से आने वालों पर निगरानी रख रहे हैं तथा सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

फैक्ट फाइल

-464 किमी है जैसलमेर जिले की पाक से सटी सीमा की लंबाई
-8 थाना क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से प्रतिबंधित घोषित

-350 गांव ऐसे हैं जहां प्रवेश के लिए अनुमति जरूरी
-1996 में क्रिमिनल संशोधन अधिनियम के तहत अधिसूचना लागू

-2008 में बॉर्डर भूमि बिक्री प्रकरण के बाद कानून हुआ सख्त
सत्यापन के बाद ही प्रवेश की अनुमति
प्रतिबंधित थाना क्षेत्रों में एसडीएम, थाना, एसपी, तहसीलदार, इन स्तरों पर सत्यापन के बाद ही प्रवेश अनुमति दी जाती है। बिना अनुमति प्रवेश पर पुलिस कार्रवाई का प्रावधान है।