आजादी से पुराने पोकरण के रेलवे स्टेशन पर गत दो माह से ओवरब्रिज का निर्माण कार्य बंद है, ऐसे में कार्य में देरी हो रही है। इसके साथ ही यहां निर्माण सामग्री के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कवायद नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि पोकरण में रेलवे स्टेशन की स्थापना 1939 में हुई थी। वर्षों बाद यहां विकास कार्य शुरू किए गए। जिसके अंतर्गत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म का विस्तार किया गया और प्लेटफार्म संख्या दो को भी शुरू किया गया। इसके साथ ही नए भवन निर्माण करवाने व विद्युतीकरण करने का कार्य किया गया। रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म हो जाने और रेलों की संख्या बढ़ जाने से यहां ओवरब्रिज की आवश्यकता महसूस हो रही है, जिसको लेकर विभाग की ओर से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व यहां ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। ओवरब्रिज का कार्य गत दो माह से पूरी तरह से बंद पड़ा है। ऐसे में अधरझूल में लटके कार्य के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
रेलवे स्टेशन पर गत दो माह से कार्य पूरी तरह से बंद पड़ा है। ऐसे में कार्य में देरी हो रही है और अधूरे ओवरब्रिज के कारण यात्रियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यही नहीं ओवरब्रिज की निर्माण सामग्री भी यहीं पड़ी है।
रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म है। पोकरण में रेल आने पर इंजन को वापिस घूमाकर लगाया जाता है। इस दौरान करीब 20 से 25 मिनट तक रेल यहीं रुकती है। कई बार प्लेटफार्म संख्या- 1 पर रेल खड़ी होने और दूसरी रेल आने पर उसे प्लेटफार्म संख्या- 2 पर खड़ा किया जाता है। रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने का केवल एक द्वार है, जो प्लेटफार्म संख्या- 1 पर है। ऐसे में यात्रियों को पटरियों को पार कर आना पड़ता है। इस दौरान उन्हें परेशानी हो रही है, साथ ही हादसे की भी आशंका बनी रहती है।
Updated on:
11 Aug 2025 08:40 pm
Published on:
11 Aug 2025 10:38 pm