
कुछ वर्ष पूर्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से पोकरण-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 और जैसलमेर-पोकरण-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 का सुदृढ़ीकरण, विस्तार व नवीनीकरण किया गया था। इस दौरान कई जगहों पर खतरनाक मोड़ों को कम नहीं करने के कारण आए दिन हादसे हो रहे है।
यही नहीं सडक़ की चौड़ाई बढ़ जाने और नई सडक़ के चलते वाहनों की गति पर भी लगाम नहीं लग पा रही है।गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व एनएचएआइ की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया। पोकरण से जोधपुर व पोकरण से जैसलमेर जाने वाले मार्गों पर कई ऐसे खतरनाक मोड़ है, जहां आए दिन हादसे होते रहते है। कुछ जगहों पर तो हादसों के ब्लैक स्पॉट भी बन गए है। जहां हादसों में कई लोग जान गंवा चुके है।
जैसलमेर-जोधपुर व जैसलमेर-बीकानेर वाया पोकरण स्थित दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों पर खतरनाक मोड़ों पर संकेतक बोर्ड की कमी है। हालांकि कुछ जगह बोर्ड लगे हुए है, लेकिन कई ब्लैक स्पॉट बन चुके मोड़ों पर बोर्ड नहीं होने से अनजान वाहन चालकों को जानकारी नहीं हो पाती है। ऐसे में हादसे की आशंका बढ़ जाती है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हादसे की आशंका
क्षेत्र में सडक़ के सुदृढ़ीकरण के दौरान खतरनाक मोड़ों को कम नहीं किया गया। जिसके कारण आए दिन हादसे का भय बना रहता है। संकेतक बोर्ड लगाने की जरूरत है।
गति की भी हो जांच
अनजान वाहन चालक अच्छी व चौड़ी सडक़ के कारण तेज गति से वाहन चलाते है। अनजान मार्गों पर मोड़ों की जानकारी नहीं हो पाती है, जिससे हादसे हो जाते है। वाहनों की गति की जांच के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए।
Published on:
30 Oct 2025 11:31 pm
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