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जालौर से रामदेवरा तक पदयात्रा कर पहुंचे, चढ़ाया ढाई किलो वजनी चांदी का मुकुट

केरल के उद्योगपति व भामाशाह हाल जालौर निवासी अर्जुनसिंह पादरली लगातार 19 वें वर्ष अपने 300 समर्थकों के साथ पद यात्रा करते हुए जालौर से रामदेवरा पहुंचे।

केरल के उद्योगपति व भामाशाह हाल जालौर निवासी अर्जुनसिंह पादरली लगातार 19 वें वर्ष अपने 300 समर्थकों के साथ पद यात्रा करते हुए जालौर से रामदेवरा पहुंचे। उन्होंने बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर पुरुष महिला बच्चे व अन्य लोग डीजे की धुन पर नाचते कूदते हुए रामदेवरा पहुंचे। सभी ने अपने साथ लाया चांदी का ढाई किलो वजनी मुकुट बाबा की समाधि पर चढाकर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की। गत 19 वर्ष से उद्योगपति भामाशाह अर्जुनसिंह रक्षाबंधन के दिन अपनी पदयात्रा शुरू कर रामदेवरा पहुंचते हैं। वह बाबा की समाधि के दर्शन कर देश में खुशहाली की कामना करते हैं। उन्होंने बताया कि बाबा रामसा पीर रामदेवरा आने वाले सभी भक्तों की आस्था व मन्नत पूर्ण करते हैं। यहां आकर सारा दु:ख दर्द मिट जाता है व असीम सुकून व शांति मिलती है। उन्होंने बताया कि जब तक उनके शरीर में क्षमता है, वे लगातार पदयात्रा करते हुए रामदेवरा पहुंचते रहेंगे। रामदेवरा पहुंचने पर बाबा रामदेव समाधि समिति पदाधिकारियों की तरफ से उनका स्वागत अभिनंदन किया गया। उन्होंने रामसरोवर तालाब परचा बावड़ी झूला पालना सहित अन्य दर्शनीय स्थान का घूम कर भ्रमण भी किया। वे प्रतिवर्ष रक्षाबंधन के उपलक्ष के आसपास रामदेवरा अवश्य पहुंचते हैं। पद यात्रा के दौरान जालौर के ग्राम वासी धर्म पत्नी व परिवारजन सहित ग्रामवासी भी उपस्थित थे।

देश भर से आ रहे श्रद्धालु

देश भर से बाबा रामदेव के भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे मे समाधि स्थल व उसके आसपास व्यापक चहल-पहल देखने को मिल रही है। बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने के बाद स्थानीय धर्मशाला में महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें समाधि समिति के पुजारी सहित ग्राम वासियों ने इसमें सामूहिक रूप से शिरकत की एक साथ सैकड़ो की संख्या में लोगों के पहुंचने से यहां पर मेला नुमा माहौल देखने को मिला।