Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेत में रिस्क: झोंपड़ों से लग्जरी टेंट तक सफर, पर सुरक्षा ढांचा कमजोर

रेगिस्तान में पर्यटन विकास के साथ सुरक्षा का संतुलन अब समय की मांग है।

2 min read
Google source verification

रेगिस्तान में पर्यटन विकास के साथ सुरक्षा का संतुलन अब समय की मांग है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा में रिसॉर्ट संचालक बिजली की जगमग, आकर्षक सजावट और सुविधाओं पर तो ध्यान दे रहे हैं, पर फायर सेफ्टी मानकों की अनदेखी पूरे पर्यटन तंत्र के लिए खतरे की घंटी है। हकीकत यह है कि विश्वप्रसिद्ध सम सेंड ड्यून्स में विगत वर्षों में बार-बार लगने वाली आग की घटनाओं के बावजूद अब तक कोई ठोस अग्निशमन व्यवस्था नहीं की गई है। सैकड़ों रिसॉर्ट और टेंट कैंपों में रोजाना हजारों देशी-विदेशी पर्यटक ठहरते हैं, लेकिन आग लगने की स्थिति में न तो कोई दमकल वाहन तैनात है और न ही प्राथमिक बचाव उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। पिछले कुछ वर्षों में सम क्षेत्र में कई बार आग लगने से लाखों का नुकसान हो चुका है। ज्वलनशील पदार्थों से बने टेंट और लोहे के पतले ढांचों में आग कुछ ही मिनटों में विकराल रूप ले लेती है। ऐसी स्थिति में जैसलमेर नगर परिषद या अग्निशमन विभाग की गाडिय़ां 40 किलोमीटर दूर शहर से पहुंचती हैं, तब तक रिसॉर्ट जलकर राख हो जाता है। स्थानीय संचालकों के अनुसार आग बुझाने के लिए पानी के टैंकर या मोबाइल अग्निशमन यंत्र ही एकमात्र सहारा हैं।

पर्यटन सीजन में दो दमकल वाहन आवश्यक

जानकारों का कहना है कि सम सेंड ड्यून्स जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल के लिए कम से कम पर्यटन सीजन के दौरान दो दमकल गाडिय़ों की स्थायी व्यवस्था अनिवार्य है। समय रहते यह व्यवस्था नहीं की गई तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। कुछ वर्ष पहले रिसॉर्ट संचालकों ने अपने स्तर पर 22 लाख रुपए जुटाए थे, लेकिन यह राशि एक दमकल वाहन खरीदने के लिए भी अपर्याप्त रही।

150 रिसॉट्र्स, 5000 से अधिक टेंट्स में लग्जरी सुविधाएं

सम क्षेत्र का नाम देश-दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर विशेष पहचान रखता है। यहां के मखमली धोरे, ऊंट सवारी, लोकसंगीत और राजस्थानी व्यंजन पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वर्तमान में सम क्षेत्र और आसपास लगभग 150 रिसॉट्र्स व कैंप संचालित हैं। इन रिसॉट्र्स में करीब 5000 से अधिक टेंट्स और कॉटेज हैं, जिनमें वातानुकूलित कमरे, बेड, अलमारी, टेबल, बाथरूम, हीटर और अब स्विमिंग पूल जैसी लग्जरी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। दिन ढलते ही धोरों पर सैकड़ों पर्यटक ऊंट सफारी, जीप राइड और क्वॉड बाइकिंग का आनंद लेते हैं। सूर्यास्त के समय धोरों पर सैलानियों की भीड़ बढ़ जाती है।

…ताकि फिर न हो ऐसी घटनाएं

सम क्षेत्र में हाल ही में लगी आग की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया है। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम अब सम और खुहड़ी क्षेत्र के सभी रिसॉट्र्स की फायर सेफ्टी जांच करेगी। संचालकों को स्थायी फायर ब्रिगेड की व्यवस्था करने की हिदायत दी गई है। फायर ऑफिसर को विस्तृत सुरक्षा योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।