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समाधान बना समस्या, हाई-वे पर अव्यवस्थाओं का अड्डा, बढ़ रहे अतिक्रमण

विशेषकर निजी बसों को नगरपरिषद की भूमि पर नया स्टैंड बना कर वहां से बसों को संचालित करवाए जाने से इस मार्ग पर अवैध कब्जों व अतिक्रमणों की बाढ़ आ गई है।

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जैसलमेर शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से प्रशासन और पुलिस की तरफ से निजी और रोडवेज बसों के स्टेंड को एयरफोर्स मार्ग और एसबीआइ चौराहा से हटा कर बाड़मेर मार्ग पर स्थानांतरित किए जाने से एक तरफ जहां शहर की मुख्य सडक़ों पर व्यवस्था में सुधार आया है, वहीं बाड़मेर मार्ग पर अव्यवस्थाओं में इजाफा हो गया है। विशेषकर निजी बसों को नगरपरिषद की भूमि पर नया स्टैंड बना कर वहां से बसों को संचालित करवाए जाने से इस मार्ग पर अवैध कब्जों व अतिक्रमणों की बाढ़ आ गई है। दूसरी तरफ शहर के बाहरी भाग में नया स्टेंड होने से यात्रियों को निश्चित रूप से असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नया बस स्टेंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने से इस सडक़ पर कब्जों ने नई समस्या उत्पन्न कर दी है।

नए स्टैण्ड में बसों की भरमार

निजी बसों के लिए बनाए गए नए स्टेंड से वर्तमान में जोधपुर, बीकानेर, जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, बाड़मेर आदि शहरों के लिए बसों का संचालन किया जाता है। इसी स्टेंड से ही बाड़मेर और खुहड़ी मार्ग पर आए हुए गांवों के लिए भी बसें आवाजाही करती हैं। जिसके कारण यहां जगह की अत्यंत कमी देखने को मिलती है। इसके अलावा नए स्टेंड में किसी तरह की आधारभूत सुविधाएं यात्रियों के लिए नहीं होने से उन्हें भी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस स्टेंड पर यात्रियों के लिए न बैठने की कोई व्यवस्था है और न ही सुलभ कॉम्पलेक्स व पीने के पानी का स्रोत। ऐसे में कुछ ही दिनों में वहां गंदगी भी होने लगी है। बाहरी शहरों से आवाजाही करने वाली बसों से अनेक देशी-विदेशी सैलानी भी सफर करते हैं, उनके सामने यह नई व्यवस्था शहर की अच्छी छवि नहीं रख रही है।

सुरक्षा का भी मसला

निजी बस स्टेंड बाड़मेर मार्ग पर होने और आसपास आबादी क्षेत्र नहीं होने से यह अलसुबह व रात के समय सुनसान होता है और केवल सडक़ पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार ही नजर आती है। ऐसे में अकेले सफर करने वाली महिलाओं व युवतियों आदि के लिए यह जगह कतई मुनासिब नहीं मानी जा सकती। ऐसे में प्रत्येक महिला या बुजुर्ग रिश्तेदार को लिवाने के लिए वहां पहले से वाहन लेकर जाने की मजबूरी लोगों के समक्ष खड़ी हो गई है। यह सडक़ पहले से कई हादसों की गवाह बन चुकी है। यहां से आवाजाही करने वाले वाहनों की अंधाधुंध गति पर नियंत्रण लगाए रखना पुलिस के लिए भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है।

केबिनों व ठेलों की अनियंत्रित बढ़ोतरी

निजी बस स्टेंड के स्थानांतरित होने के बाद से बाड़मेर मार्ग के इस हिस्से पर सडक़ के दोनों तरफ केबिनों और ठेलों की संख्या निरंतर बढ़ती चली गई है। वर्तमान में उनकी संख्या करीब 3 दर्जन तक हो चुकी है। रोजाना ही नई केबिनों व ठेलों को वहां लाकर कब्जा करने की होड़-सी मची हुई है। इससे राष्ट्रीय मार्ग पर हादसों की आशंका में और वृद्धि हो गई है।

बनेंगे अलग-अलग स्टैण्ड, सडक़ का होगा विस्तार

बाड़मेर मार्ग पर आने वाले दिनों में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की बसों के लिए अलग-अलग जगहों पर स्टैण्ड बनाए जाने की योजना है। इससे बसों के लिए पर्याप्त स्थान हो जाएगा। इसके अलावा यहां केबिन और ठेले रख कर किए गए अवैध कब्जों को जल्द ही साफ करवाया जाएगा। इस सडक़ के विस्तारीकरण का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है।

  • लजपालसिंह सोढ़ा, आयुक्त, नगरपरिषद जैसलमेर