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दीपों की रोशनी और गरबा की थापों से गूंज उठा मंदिर परिसर

ब्रह्मक्षत्रिय (खत्री) समाज की ओर से जीवणीयाई स्थित हिंगलाज मंदिर प्रांगण में आयोजित शारदीय नवरात्रि महोत्सव का समापन बुधवार को श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक उल्लास के साथ हुआ।

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ब्रह्मक्षत्रिय (खत्री) समाज की ओर से जीवणीयाई स्थित हिंगलाज मंदिर प्रांगण में आयोजित शारदीय नवरात्रि महोत्सव का समापन बुधवार को श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक उल्लास के साथ हुआ। इस बार नौ के स्थान पर दस दिवसीय आयोजन हुआ, जिसने समाज को एकजुट करते हुए भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।मंदिर प्रांगण हर शाम दीपों की रोशनी, भक्ति संगीत और गरबा की थापों से गूंज उठा। पूजा-अर्चना के बाद गरबा का आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं, बालिकाओं, युवाओं और बच्चों ने पारंपरिक परिधानों में सजकर उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रवक्ता जितेन्द्र बिछड़ा ने बताया कि मां हिंगलाज को समर्पित यह आयोजन समाज की सांस्कृतिक चेतना और धार्मिक आस्था का प्रतीक बना।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

समापन अवसर पर गरबा समिति ने समाज के प्रमुख पदाधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों का पारंपरिक अंदाज में साफा, शॉल और माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि समाज अध्यक्ष सत्यनारायण दड़ा, महिला मंडल अध्यक्ष उषा अनिल भूत, समाजसेवी डॉ. दामोदर वारडे, पूर्व पार्षद देवीसिंह चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत हिंगलाज मंदिर पुजारी आनंद महाराज ने तिलक कर किया। मोक्षिका और पूर्वा ने मंगल गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

गरबा प्रतियोगिता और पुरस्कार वितरणसमापन गरबा प्रतियोगिता में गरबा क्वीन ग्रुप को ट्रॉफी प्रदान की गई। महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों ने विविध प्रस्तुतियों से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को विशिष्ट अतिथियों ने उपहार प्रदान किए। भावना जितेन्द्र डलोरा ने सभी बच्चियों को सांत्वना पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

आयोजन में गरबा समिति और महिला मंडल की भूमिका महत्वपूर्ण रही। समिति अध्यक्ष नमिता जगदीश डलोरा और महिला मंडल अध्यक्ष उषा अनिल भूत को विशेष रूप से साड़ी और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।