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नो-एंट्री क्षेत्र में धड़ल्ले से दौड़ रहे ट्रक व ट्रैक्टर…हर पल हादसे की आशंका

ऐसे में कस्बे के मुख्य मार्गों पर आए दिन जाम लग जाने से यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती थी और राहगीरों को आवागमन में परेशानी होती थी।

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यहां न कोई नियम है और न कोई कायदे, न कोई रोकने वाला है और न ही टोकने वाला…। पहियों तले नियम कुचले जाते हैं और जिम्मेदारों की अनदेखी बनी रहती है। जैसलमेर शहर हो या पोकरण कस्बा। भारी वाहनों के कारण नियमों की अवहेलना दोनों जगह देखने को मिल रही है। उधर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 तक पोकरण के पूर्व से दक्षिण होते हुए पश्चिम तक बाईपास सडक़ का निर्माण करवाए जाने के बावजूद अभी भी कई बड़े वाहन पोकरण कस्बे के अंदर से होकर गुजरते है। यही नहीं कस्बे में दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध भी है, लेकिन वाहनों की आवाजाही बदस्तूर जारी है। ऐसे में न केवल कस्बे की यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है, बल्कि यहां दुर्घटना का भी खतरा बढ़ गया है। गौरतलब है कि पूर्व में बाईपास सडक़ मार्ग नहीं होने के कारण जोधपुर रोड से जैसलमेर व रामदेवरा जाने वाले सभी छोटे व बड़े वाहन कस्बे के अंदर से वाया जयनारायण व्यास सर्किल होते हुए निकलते थे। ऐसे में कस्बे के मुख्य मार्गों पर आए दिन जाम लग जाने से यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती थी और राहगीरों को आवागमन में परेशानी होती थी। इसी को लेकर एनएचएआइ की ओर से जोधपुर रोड से वाया पाउपाडिया, खींवज, आशापुरा होते हुए सांकड़ा फांटा व जैसलमेर रोड तक बाईपास सडक़ मार्ग का निर्माण करवाया गया, लेकिन पुलिस व प्रशासन की अनदेखी केे चलते आज भी बजरी, पत्थर, सीमेंट, डामर, कंकरीट, ग्रेवल व अन्य सामान से भरे मालवाहक भारी वाहन कस्बे के अंदर से वाया जयनारायण व्यास सर्किल होकर निकलते है। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

जिम्मेदार पढ़ा रहे नियमोंं का पाठ, नहीं होती पालना

कस्बे में बढ़ते वाहनभार और भारी वाहनों से कई बार हो चुके हादसों के बाद यातायात पुलिस की ओर से सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी प्रकार पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से वर्ष में दो-तीन बार सडक़ सुरक्षा अभियान चलाकर व अन्य दिनों में भी वाहन चालकों को यातायात नियमों, मोटरयान अधिनियम की जानकारी दी जाती है। अभियान के दौरान तो नियमों का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन अभियान समाप्त होने के बाद स्थिति पुन: जस की तस हो जाती है। बड़े वाहन धड़ल्ले से पोकरण कस्बे के अंदर से होकर गुजरते है। जिससे यातायात व्यवस्था लडखड़़ा रही है।

ये है नो-एंट्री एरिया

  • जैसलमेर रोड पर शक्तिस्थल से कस्बे की तरफ
  • जोधपुर रोड पर फलसूंड तिराहे से कस्बे की तरफ
  • बाड़मेर रोड पर खींवज माता मंदिर से कस्बे की तरफ
  • जयनारायण व्यास सर्किल से गांधी चौक जाने वाली सडक़
  • व्यास सर्किल से स्टेशन रोड जाने वाली सडक़

बिगड़ जाती है व्यवस्था

सामान्य दिनों में भारी वाहनों के कस्बे के प्रवेश निषेध क्षेत्र में प्रवेश से मुख्य मार्गों पर वाहन भार बढ़ जाता है। कई बार मालवाहक वाहन सडक़ के किनारे खड़े कर चालक के इधर उधर हो जाने से यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती है। विशेष रूप से त्यौहारों के दिनों में दुकानदार अपना सामान बेचने के लिए मुख्य मार्गों पर जमा देते है। जिससे सडक़ मार्ग संकरे हो जाते है। साथ ही हाथ ठेले भी खड़े हो जाते है। ऐसे में मालवाहक, छोटे बड़े वाहन आदि भी नो-एंट्री एरिया से गुजरने के दौरान कई बार मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति हो जाती है और लोगों को यातायात मेें परेशानी होती है।

फैक्ट फाइल:-

  • 100 से अधिक मालवाहक वाहन होते है संचालित
  • 400 से अधिक है कारें व अन्य छोटे वाहन
  • 300 से अधिक है कस्बे में थ्री-व्हीलर टैक्सियां
  • 100 से अधिक ट्रैक्टर, जेसीबी, क्रेन आदि वाहन है कस्बे में