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Rajasthan: बोरवेल से निकालने का बनाया जुगाड़, जानें कौन है मादाराम सुथार

दे दी हमें आजादी: मादाराम को पहले लोग बोरवेल में पानी की मोटर फंस जाने पर याद किया करते थे। यहीं से यह जुगाड़ काम कर गया। मादाराम का वर्ष 2016 में शुरू हुआ यह सिलसिला अनवरत जारी है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचते हैं।

मादाराम सुथार, जालोर (फोटो: पत्रिका)

Independence Day 2025: जालोर जिले के चौथी कक्षा तक पढ़े 66 वर्षीय मादाराम जुगाड़ी बॉस की के नाम से पहचान बना चुके हैं। मादाराम खुले बोरवेल की गहराई में फंसे कई बच्चों की अपने जुगाड़ से जिंदगी बचा चुके हैं।

ग्रामीणों के अनुसार एक बार बड़ोदरा व गांधीधाम के अलावा अजमेर से आई एनडीआरएफ की टीम के प्रयास विफल होने के बाद लाछड़ी गांव में बोरवेल में गिरे चार वर्षीय बालक को अपने तैयार किए जुगाड़ से मादाराम ने महज पच्चीस मिनट में सकुशल बाहर निकाल दिया। यहां सोलह घंटे तक रेस्क्यू चला। मासूम 90 फीट के बोरवेल में फंसा था।

मादाराम का वर्ष 2016 में शुरू हुआ यह सिलसिला अनवरत जारी है। मादाराम ने पहली बार बागोड़ा क्षेत्र के कोरी में, दूसरी बार जोधपुर के खेड़ापा, तीसरी बार जोधपुर के तिंवरी में बोरवेल से बच्चे को निकाला। चौथी बार सांचौर के लाछड़ी व पांचवीं बार रामसीन के पास तवाव गांव से बच्चे को निकाला। छठी बार अर्जुन की ढाणी गुडामालानी में रेस्क्यू किया।

ऐसे बनाया जुगाड़

जलापूर्ति में काम आने वाले पीवीसी के नब्बे-नब्बे फीट के तीन पाइप मंगाए। तीनों के आगे एक टी को जोड़कर रस्सी बांध दी। कैमरे को भी इससे जोड़ा। इस जुगाड़ को गहराई में जाने के बाद टी को बालक के सिर से होकर पेट तक पहुंचाया। सीने तक पहुंचते ही रस्सी को खींचा। इससे तीनों पाइप के बीच में बच्चा फंस गया और बाहर निकाल लिया।