CG News: ग्राम पंचायत तुस्मा के शासकीय जनपद प्राथमिक शाला में पांच कक्षाओं के लिए सिर्फ दो कमरे हैं। जिसमें पहली से पांचवीं तक के बच्चे दो कमरे में बैठकर पढ़ाई करते हैं। एक कमरे में एक शिक्षक तीन कक्षाओं के बच्चों को लाइन में बिठाकर अलग-अलग क्लास लेते हैं। तो वहीं दूसरे कमरे में एक दृष्टिहीन (100 फीसदी दिव्यांग) शिक्षक दो क्लास के बच्चों को ब्रेल लिपि से पढ़ाते हैं।
जिले में ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों स्कूल हैं। जिसमें युक्तियुक्तकरण के बाद भी ऐसे हालात हैं। ग्राम पंचायत तुस्मा स्थित शासकीय जनपद प्राथमिक शाला में पहली से लेकर पांचवीं तक 51 बच्चों को मात्र एक कमरे में बैठाकर स्कूल चल रहा है। पत्रिका टीम स्कूल पहुंची और अपना परिचय दिया तो हेडमास्टर ने तुरंत एक कमरे में पहली और दूसरी और दूसरे कमरे में तीसरी, चौथी और पांचवी के बच्चों को बैठा दिया।
CG News: पढ़ाई के अलावा दर्जनों काम: स्कूल के हेडमास्टर गुरुदयाल साहू का कहना है कि यहां स्कूल का संचालन बड़ी चुनौती है। एक ओर हम बच्चों को पढ़ाएं या डाक बनाएं। क्योंकि हर रोज शासन तरह तरह की जानकारी मांगता है। जिसे हर हाल में पूरा करना पड़ता है। दूसरे शिक्षक 100 फीसदी दृष्टिहीन हैं। उससे कोई भी काम लेना संभव नहीं है।
अश्वनी कुमार भारद्वाज, डीईओ जांजगीर-चांपा: युक्तियुक्त करण के तहत 60 छात्रों में दो शिक्षकों की व्यवस्था दी गई है। इसके तहत तुस्मा प्राइमरी स्कूल में दो शिक्षकों की पोस्टिंग है। किसी तरह स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
Updated on:
10 Aug 2025 11:17 am
Published on:
10 Aug 2025 11:15 am