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CG News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में मिली गड़बड़ी, अपात्र को दी गई नियुक्ति, जानें पूरा मामला…

CG News: जशपुर जिले के तपकरा परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र कोरवापारा सरकरा में कार्यकर्ता पद की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।

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CG News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में मिली गड़बड़ी, अपात्र को दी गई नियुक्ति, जानें पूरा मामला...(photo-patrika)

CG News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में मिली गड़बड़ी, अपात्र को दी गई नियुक्ति, जानें पूरा मामला...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के तपकरा परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र कोरवापारा सरकरा में कार्यकर्ता पद की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है कि एक अपात्र अभ्यर्थी को नियमों के विरुद्ध जाकर नियुक्ति दे दी गई। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

CG News: दावा-आपत्ति के नियमों का उल्लघन

विभागीय नियमों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान दावा-आपत्ति की अवधि में कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज मान्य नहीं होता। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभाग ने इस नियम की अनदेखी करते हुए अपात्र अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। इस प्रक्रिया में कथित तौर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का दबाव भी बताया जा रहा है।

अधिकारियों की चुप्पी

जब इस संबंध में परियोजना अधिकारी प्रभा तिर्की से जवाब मांगा गया तो उन्होंने उच्च अधिकारियों का हवाला देते हुए चुप्पी साध ली और चैंबर छोड़कर चली गईं। वहीं, जब इस विषय में जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा (महिला एवं बाल विकास विभाग) से बातचीत की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नियुक्ति संबंधी कोई भी दस्तावेज जिला स्तर पर नहीं आया है। पूरी प्रक्रिया परियोजना स्तर पर संपन्न हुई है, इसलिए हम कुछ नहीं कह सकते।

भर्ती प्रक्रिया में लगे पैसों के लेन-देन के आरोप

इस बीच अपात्र ठहराए गए एक अभ्यर्थी ने विभाग पर पैसे लेकर नियुक्ति करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नियमों को जानबूझकर बदला गया और योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया।

जांच की मांग

अब स्थानीय लोग और वंचित अभ्यर्थी, इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह ना सिर्फ भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि भविष्य में अन्य भर्तियों की निष्पक्षता पर भी संदेह पैदा करता है।