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भीमसागर। पांच दिन के इंतजार के बाद कोटा से आए एसडीआरएफ के गोताखोरों ने करीब 25 फीट गहरे पानी में जाकर भीमसागर बांध का फंसा हुआ गेट खोला। इसके बाद बांध के दांयी और बांयी नहर में जल प्रवाह शुरू हो पाया। जल प्रवाह शुरू होते ही क्षेत्र के किसानों के चेहरे खिल उठे।
मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत भीमसागर बांध से निकलने वाली दांयी नहर का गेट सॉफ्ट टूटने से पिछले पांच दिनों से खुल पा रही थी। गेट पर करीब 25 फीट पानी होने के कारण विभागीय कर्मचारियों को पानी में उतरकर कार्य करने में मुश्किल आ रही थी। कई तकनीकी प्रयासों के बाद भी सफलता न मिलने पर रविवार सुबह कोटा से एसडीआरएफ टीम के गोताखोरों को भीमसागर बांध बुलाया गया।
गोताखोरों ने नदी में करीब 25 फीट गहराई में डुबकी लगाकर टूटी शाफ्ट रॉड में टोचन बांधा। उन्होंने दोपहर बाद नहर का गेट खोलने में सफलता मिली। नहर खुलते ही मौके पर मौजूद किसानों के चेहरों पर राहत सांस ली। खेतों में उगी रबी की फसलों को बचाने के लिए पिलाई का पानी बेहद आवश्यक हो गया था।
दो दिन में पानी नहीं मिलने पर 20 दिन पुरानी फसलों के नष्ट होने का खतरा बढ़ गया था। गेट जाम होने से नहर में जलप्रवाह बंद हो गया था। जिससे विभाग के सामने संकट खड़ा हो गया। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता महेंद्र सिंह के निर्देशन में एईएन दीपक सैनी, जेईएन रविदत्त पालीवाल, आकाश मेहरा, मितेश सैनी एवं कर्मचारियों की टीम पिछले चार दिनों से लगातार प्रयास कर रही थी।
एसडीआरएफ टीम के हैड कांस्टेबल और कमांड इंचार्ज गोताखोर रमेशचंद्र ने बताया कि टीम ने ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर गहराई में डुबकी लगाई और करीब 15 मिनट में टूटी सॉफ्ट रॉड जोड़कर गेट खोलने में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि टीम ने 15 वर्ष पहले भी एलएमसी कैनाल का गेट खोलने में अहम भूमिका निभाई थी। टीम में अशोक, महावीर, जगदीश, बनवारीलाल, धर्मवीर, रामकरण, रोहिताश्व सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
रविवार शाम दोनों नहरों में लगभग 4 फीट पानी छोड़ दिया गया। नहरों में पानी प्रवाहित होते ही किसान खेतों में पिलाई के लिए जुटने लगे। भीमसागर बांध की नहरें कुल 10 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित करती हैं। टेल क्षेत्र पनवाड़ और गोलाना तक पानी शुक्रवार तक पहुंचने की संभावना है।
गोताखोरों की मदद से नहर का गेट खोला गया। किसानों को रबी फसल के लिए तुरंत पानी चाहिए था। जिला प्रशासन का धन्यवाद, जिसने तुरंत गोताखोर भेजे।
नीरज शर्मा, अध्यक्ष संगम समिति आरएमसी कैनाल
आरएमसी कैनाल के गेट की सॉफ्ट टूट गई थी। उपखण्ड अधिकारी को अवगत कराने के बाद कोटा से गोताखोर टीम पहुंची और नहर खोल दी गई। अब एलएमसी व आरएमसी दोनों नहरों में पर्याप्त पानी छोड़ा जा चुका है। एक सप्ताह में टेल क्षेत्र तक नियमित जलापूर्ति शुरू हो जाएगी।
दीपक सैनी, एईएन भीमसागर बांध
Updated on:
17 Nov 2025 03:04 pm
Published on:
17 Nov 2025 03:03 pm
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