झालावाड़.मेडिकल कॉलेज झालावाड़ व एसआरजी चिकित्सालय में एक्सरे प्लेट सहित कई सामानों की कमी व खराब मशीनें मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। एसआरजी चिकित्सालय में पिछले छह माह से समय पर टेंडर नहीं होने से स्टोर संचालकों को बफर स्टोक से ही काम चलाना पड़ रहा है। वहीं एक्सरे विभाग में एक्सरे प्लेट नहीं आ रही है। एक मशीन चालू है लेकिन उसकी प्लेट नहीं है। ऐसे में एक्सरे विभाग में आने वाले गंभीर मरीजों को मोबाइल में ही फोटो खिंचकर दे रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को प्रतिदिन जरूरत के सामान बेंडेज, साबुन, फिनाइल आदि भी टेंडर के अभाव में समय पर नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं गुरुवार को एक मरीज को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सियाम मशीन खराब होने से बीच में ही ऑपरेशन रोकना पड़ा। ऐसे में मरीज की उम्र 70 वर्ष होने से गंभीर स्थिति बनी हुई है।
अस्पताल में स्पाइनल इंजरी के ऑपरेशन की सुविधा है। लेकिन यहां सियाम मशीने बहुत पुरानी हो चुकी। जिसमें से दो मशीन खराब पड़ी हुई है। सियाम मशीन हर ऑपरेशन में काम आने वाली महत्वपूर्ण मशीन है। मशीन के जरिये ऑर्थो, न्यूरो सर्जरी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग में आने वाले मरीजों को इसका सीधा लाभ मिलता है। अगर मशीन सही हो तो मरीजों को विभिन्न बीमारियों के ऑपरेशन करवाने के लिए इंतजार नहीं करना होगा और न ही दूसरे जिलों की ओर रुख करना पड़ेगा। सियाम मशीन का यह होता है काम- ऑपरेशन के दौरान सियाम मशीन का काम बेहद अहम होता है। इस मशीन के जरिये मरीज के बार-बार एक्सरे लिए जाते हैं। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि स्पाइन में स्क्रू कहां डालना है, इसका सटीक पता चलता है। यूरोलॉजी में स्टोन देखना, एनेस्थीसिया और बालरोग के चिकित्सकों के लिए भी इस मशीन की काफी अहमियत रहती है।
खानपुर ब्लॉक के ईरली निवासी देशराज मीणा ने बताया कि उसकी माताजी किशोरी बाई के स्पाइन में हल्का सा फैक्चर था। उसे 1सितंबर को भर्ती करवाया था। बड़ी मुश्किल से 11 दिन बाद गुरुवार को ऑपरेशन का नंबर आया था। मेरी मां का ऑपरेशन किया जा रहा था, लेकिन अस्पताल वालों ने बताया कि मशीन खराब हो गई है, ऑपरेशनी बीच में ही रोक दिया। अब ऐसे में मरीज की उम्र 70 वर्ष होने से बार-बार बेहोंश करने व शरीर खोलने से भारी परेशानी हो रही है।
इतना बड़ा अस्पताल है, प्रशासन को सुविधा जुटाना चाहिए, सभी संसाधन दुरस्त रखने चाहिए, ताकि किसी भी मरीज को ऐसी परेशानी नहीं हो। ये अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है। ऐसे गंभीर मरीज का ऐसे बीच में ही ऑपरेशन रोकने से उसे बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। 11 दिन बाद नंबर आया था, अब फिर से पता नहीं कब ऑपरेशन करेंगे।
ये सही है गुरुवार को एक मरीज का ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा है। केटीपीएल कंपनी का ठेका है, उसे मरम्मत करना है, पता करवाएंगे सियाम मशीनें क्यों खराब पड़ी है। मरीज का जल्द फिर से ऑपरेशन करवाएंगे। सामनों के लिए कल ही टेंडर निकाला है, जो राष्ट्रीय स्तर पर निकाला है, अच्छी फर्म आते ही टेंडर करेंगे। अन्य व्यवस्थाएं भी सुधार रहे हैं।
Published on:
12 Sept 2025 08:16 pm
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