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झुंझुनूं की बेटी का छोटी उम्र में बड़ा कमाल, 11 साल की उम्र में जीते 13 मेडल, अब लक्ष्य इंटरनेशनल गोल्ड

चिड़ावा में पली-बढ़ी 11 साल की वेदांशी सहारण ने ताइक्वांडो की दुनिया में बड़ा नाम कमाया है।

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वेदांशी सहारण: फोटो पत्रिका

चिड़ावा(झुंझुनूं)। चिड़ावा में पली-बढ़ी 11 साल की वेदांशी सहारण ने ताइक्वांडो की दुनिया में बड़ा नाम कमाया है। महज दो साल के खेल सफर में वह जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अब तक 13 पदक जीत चुकी है, जिनमें पांच स्वर्ण शामिल हैं।

दो साल में पहुंची नेशनल स्तर तक

हनुमानगढ़ निवासी विजय सहारण ने महज छह माह की उम्र में बेटी वेदांशी को चिड़ावा में अपनी बहन मंजू देवी के पास भेज दिया था। वेदांशी की खेलों में रूचि देखकर विजय के जीजा मनोज मान ने दो साल पहले ताइक्वांडो का प्रशिक्षण शुरू करवाया।

कोच नितिन सिंह राठौड़ के मार्गदर्शन में उसने जयपुर, अलवर, बगड़, पिलानी और कोटा में आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लिया। उत्तराखंड में हुई नेशनल प्रतियोगिता में भी शानदार प्रदर्शन किया।

मलेशिया जाने का भी मौका मिला

दमदार प्रदर्शन के आधार पर वेदांशी का चयन मलेशिया में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी हुआ, लेकिन परिजनों ने फिलहाल उसे और बेहतर प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया।

रोज डेढ़-दो घंटे करती है अभ्यास

वेदांशी रोजाना डेढ़ से दो घंटे तक सख्त अभ्यास करती है। ताइक्वांडो के साथ-साथ वह कराटे, वुशू और निशानेबाजी में भी रुचि रखती है। उसका कहना है कि वह इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती है।


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