Navrang Singh Jakhar Passes Away: झुंझुनूं जिले में नवलगढ़ क्षेत्र के पूर्व विधायक और किसान नेता नवरंग सिंह जाखड़ का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को उनके पैतृक गांव घोटू जाखड़ के धमोरा में किया जाएगा।
बता दें कि नवरंग जाखड़ का जन्म 7 जून 1942 को गनपत सिंह जाखड़ और घोटी देवी के घर हुआ। गांव से शिक्षा प्रारंभ कर उन्होंने जयपुर में पढ़ाई की। इतिहास में एमए और बीएड की डिग्री हासिल किए थे, जबकि एलएलबी की डिग्री अधूरी रह गई। छात्र जीवन से ही वे राजनीति और आंदोलनों में सक्रिय हो गए थे। नवलगढ़ और जयपुर के छात्रसंघों में रहते हुए उन्होंने जागीरदारी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया।
जाखड़ दो बार नवलगढ़ से विधायक चुने गए थे। 1977 में जनता पार्टी और 1985 में लोकदल से वे विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विशेषाधिकार समिति, सरकारी आश्वासन समिति और गृह समिति जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी निभाई। 1979-80 में वे मुख्य सचेतक भी रहे। कांग्रेस (संगठन), जनता पार्टी और लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति में उनकी सक्रिय भूमिका रही। राजस्थान किसान मंच के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने किसानों की आवाज बुलंद की।
सिर्फ राजनीति ही नहीं, सामाजिक आंदोलनों में भी उनकी भूमिका निर्णायक रही। 1979 में विधानसभा के सामने आमरण अनशन कर उन्होंने शराबबंदी लागू करवाई। दिवराला सती प्रकरण को उजागर कर उन्होंने सती प्रथा पर कानून बनाने का रास्ता साफ किया। इसके अलावा दहेज, मृत्युभोज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी वे लगातार संघर्षरत रहे।
हर आपदा में वे जनता के साथ खड़े दिखाई दिए। 1967-68 की बाढ़ और 1979 के अकाल में उन्होंने राहत कार्यों का नेतृत्व किया। किसानों के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल भी गए। नवलगढ़ में किसान छात्रावास की स्थापना उनके अथक प्रयासों से संभव हो पाई, जिसके लिए उन्होंने अपनी जमीन तक दान कर दी।
उनके परिवार में तीन पुत्र रामावतार सिंह, संजय जाखड़ और सुनील जाखड़ तथा एक पुत्री सुमित्रा सिंह आर्य हैं। नवरंग सिंह जाखड़ के निधन से पूरे क्षेत्र में गहरा शोक है। लोग उन्हें किसानों और समाज के लिए समर्पित नेता के रूप में याद कर रहे हैं।
Updated on:
20 Sept 2025 01:47 pm
Published on:
20 Sept 2025 10:03 am