
राजस्थान हाईकोर्ट। फाइल फोटो- पत्रिका
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पाली जिले के सिरियारी थाना क्षेत्र में दो मासूम भाई-बहन की हत्या और बालिका से रेप के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपी की फांसी की सजा रद्द करते हुए उसे बरी कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका और पूरा मामला कमजोर परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित था।
न्यायाधीश विनित कुमार माथुर एवं न्यायाधीश अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट के 11 दिसंबर 2023 के निर्णय को पलटते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामले में अभियोजन साक्ष्यों की कड़ी साबित करने में नाकाम रहा। खंडपीठ ने कहा कि न तो घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी था और न ही यह साबित हो सका कि आरोपी अर्जुन सिंह का अपराध से कोई सीधा संबंध था।
मामला एक मई 2023 की दोपहर का है, जब 13 वर्षीय लड़का और उसकी 10 वर्षीय बहन बकरियां चराने निकले थे और वापस नहीं लौटे। दो दिन बाद दोनों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद हुए। पुलिस ने आरोपी अर्जुन सिंह (22) को 9 मई को उसके घर से गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ हत्या, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
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ट्रायल कोर्ट ने अर्जुन सिंह को दोषी मानते हुए उसे हत्या में फांसी की सजा और पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास सुनाया था, परंतु हाईकोर्ट ने पाया कि अभियोजन की कहानी कई विरोधाभासों से भरी थी। मुख्य गवाहों में से किसी ने भी आरोपी को घटना से जोड़कर कोई बयान नहीं दिया था। कोर्ट ने यह भी पाया कि विशेषज्ञ गवाह को अदालत में पेश नहीं किया गया था और बरामदगी की प्रक्रिया में कोई स्वतंत्र गवाह शामिल नहीं था।
Published on:
08 Oct 2025 07:40 pm
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