
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की सभी अदालत परिसरों में अधिवक्ताओं के लिए पर्याप्त संख्या में चेंबर बनाए जाएं और यह काम हर हाल में 30 मई, 2026 तक पूरा किया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह केवल सुविधा का सवाल नहीं है, बल्कि न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने की संवैधानिक आवश्यकता है।
न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी व न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन बांसवाड़ा सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के बाद पारित आदेश में कहा कि अधिवक्ता न्याय प्रणाली का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें गरिमा के साथ काम करने के लिए पर्याप्त स्थान मिलना ही चाहिए।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि मौजूदा समय में अधिवक्ताओं को अदालत परिसर की सीढ़ियों और गलियारों में मुवक्किलों से परामर्श करना पड़ता है, जो न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा और गोपनीयता दोनों के खिलाफ है। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि मौजूदा वकीलों के हॉल को चेंबर में बदला जा सकता है।
1- सात दिन में हर अदालत परिसर में कितने चेंबर चाहिए, इसका ब्यौरा मांगा।
2- पंद्रह दिन में राज्य सरकार प्रत्येक जिला न्यायालय और अधीनस्थ अदालत के लिए चेंबर्स की योजना और डिजाइन इस तरह से तैयार करें कि प्रत्येक कमरे में कम से कम चार कार्यरत वकीलों के आधार पर अधिकतम वकीलों को समायोजित किया जा सके।
3- तीस दिन के भीतर निर्माण कार्य शुरू किया जाए और छह माह में पूरा किया जाए।
4- नए न्यायालय भवनों या विस्तार की हर योजना में अधिवक्ताओं के चेंबर के लिए अलग स्थान और डिजाइन अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
Published on:
26 Sept 2025 09:14 am
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