
प्रतीकात्मक तस्वीर
जोधपुर। गांवों का शहर से जुड़ने का सपना अभी दूर ही लग रहा है। दरअसल, जिले के ग्रामीण रूटों को अभी भी शहर से जुड़ने का इंतजार ही है। सरकार की ओर से पूर्व में 28 सितम्बर से प्रदेशभर में ग्रामीण रूटों पर बसें चालू करनी थी, लेकिन ये बसें अभी तक चालू नहीं हो पाई है। इससे ग्रामीण रूट पर बसें चलने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। जोधपुर डिपो का हाल यह है कि जोधपुर से ग्रामीण रूटों पर चलने वाली केसरिया रंग की बसें अभी जोधपुर पहुंची ही नहीं है। फिलहाल, जोधपुर डिपो के लिए पांच बसें आनी थी।
राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप रोडवेज सेवा से वंचित गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए रोडवेज प्रशासन की पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर निजी वाहन संचालकों से वाहन संचालित करवाए जाएंगे।
रोडवेज की ओर से जोधपुर डिपो के आठ रूट के ग्रामीण अंचलों में बसों के संचालन को मंजूरी दी गई है। इनमें ये बसें बालेसर (दो रूट), चाबा, चामू, चैराई, लूणी, उत्तेसर व बिलाड़ा के लिए चलेंगी। इन बसों में यात्रियों को रोडवेज की ओर से मिलने वाली सभी रियायती सुविधाएं मिलेंगी ।
बसों के संचालन का निर्णय मुख्यालय स्तर से होगा। सरकार की ओर से हरी झण्डी मिलते ही बसें आ जाएंगी व चालू कर दी जाएगी।
Published on:
03 Oct 2025 03:23 pm
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