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दिव्यांश भारद्वाज बने ‘सर्वश्रेष्ठ सरपंच’, आधुनिक सुविधाओं से मॉडर्न बना दी राजस्थान की ये ग्राम पंचायत

स्विट्जरलैंड से एमबीए करके सरपंच बने दिव्यांश ने आवां में जो विकास कराया, वह राज्य में अव्वल हैं। आवां मॉडल को महाराष्ट्र अपना रहा हैं।

सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज (फोटो: पत्रिका)

राजस्थान के टोंक जिले की आवां ग्राम पंचायत के युवा सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज को राज्य के ‘सर्वश्रेष्ठ सरपंच’ का पुरस्कार मिला है। यह सम्मान उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर मेहरानगढ़ जोधपुर में आयोजित राज्य स्तरीय एट-होम समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया।

दिव्यांश ने स्विट्जरलैंड से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद कॉर्पोरेट क्षेत्र में करियर की जगह अपने गांव की सेवा को प्राथमिकता दी और सरपंच बनकर विकास की नई मिसाल कायम की। उन्हें यह पुरस्कार राजस्थान की 11,341 ग्राम पंचायतों में से केवल एक सरपंच के रूप में प्राप्त हुआ है।

महाराष्ट्र भी अपना रहा ‘आवां मॉडल’

दिव्यांश भारद्वाज द्वारा विकसित 'आवां मॉडल' अब अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन गया है। महाराष्ट्र सरकार भी इस मॉडल को अपनाने की प्रक्रिया में है। दिव्यांश ने गांव में जो सुविधाएं तैयार की हैं वे किसी शहर से कम नहीं हैं।

ये हैं सुविधाएं

आवां पंचायत में अब छात्र-छात्राओं के लिए एसी और इंटरनेट युक्त अलग-अलग लाइब्रेरी, दो हेरिटेज श्मशान घाट, हेरिटेज पंचायत भवन, बैंक्वेट हॉल युक्त मैरिज गार्डन, और ड्रेसिंग रूम युक्त तीर्थ घाट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।