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Rajasthan Accident: एक ट्रक से बचा था लहराता हुआ टैम्पो, दूसरे से जा भिड़ा, सड़क पर बिछ गईं लाशें, खौफनाक था मंजर

जोधपुर में जैसलमेर हाईवे पर हुए भीषण हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक टैम्पो चालक को नींद आने से वाहन अनियंत्रित हो गया था।

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हादसे के बाद क्षतिग्रस्त वाहन। फोटो- पत्रिका

जोधपुर। जैसलमेर हाईवे पर ट्रक व यात्रियों से भरे टैम्पो में भिड़ंत से छह जनों की मौत के पीछे चालक के अकेले ही वाहन चलाने को एक वजह माना जा रहा है। सिरोही में खाना खाने के बाद रवाना होने के बाद से वह दुर्घटनास्थल तक लगातार गाड़ी चला रहा था।

यही वजह है कि अल-सुबह टैम्पो लहराते हुए चलने लग गया था। जो संभवत: झपकियाें की वजह से हाे रहा था। हादसे में सुरक्षित बचने वाले महेंद्र सिंह ने बताया कि रूट लम्बा था और गाड़ी केवल प्रितेश उर्फ भूपत चला रहा था। जो गाड़ी का मालिक भी था।

खाना खाकर निकले थे, लगातार टैम्पो चलाया

पुलिस का कहना है कि बेटे की खुशी में रामदेवरा मंदिर में ध्वजा चढ़ाने के लिए कालूसिंह व रिश्तेदार टैम्पो से शनिवार दोपहर रवाना हुए थे। रात 8-9 बजे वे सिरोही पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने साथ लाई खाद्य सामग्री से खाना बनाकर खाया था। करीब 11 बजे चालक टैम्पो लेकर रवाना हुआ था। लगातार टैम्पो चलाकर वो खारी बेरी पहुंचे थे।

धमाका व ट्रक की बंद लाइट से संदेह हुआ

टैम्पो की जिस ट्रक से भिड़ंत हुई, वो जैसलमेर के रामगढ़ से ग्वार भरकर बोरानाडा के लिए आ रहा था। उसके आगे ग्वार से भरा एक अन्य ट्रक भी साथ था। बालेसर में होटल पर चाय पीने के बाद दोनों ट्रक आगे-पीछे रवाना हुए थे। आगे वाला ट्रक बाबूलाल भील चला रहा था। वो खारी बेरी से निकला तो सामने से टैम्पो लहराते हुए आता नजर आया।

चालक को लगा कि टैम्पो चालक नींद में है या जानबूझकर ऐसे चला रहा है। बाबूलाल भील ने तो सुरक्षित ट्रक निकाल लिया। पीछे साथ वाले ट्रक की लाइटें नजर आ रही थी। टैम्पो के क्रॉस होने के कुछ ही देर बाद जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी।

उसने पीछे देखा तो साथी ट्रक की लाइटें बंद हो चुकी थी। टैम्पो की लाइट भी नजर नहीं आ रही थी। उसने ट्रक सड़क किनारे रोका और पैदल ही पीछे भागा। कुछ दूरी पर भीषण मंजर नजर आया। सड़कों पर लाशें बिखरी हुई थीं। घायल लोग चीख रहे थे। अंधेरा होने के कारण कुछ समझ नहीं आ रहा था।