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56 कर्मचारियों का कॉल सेंटर, साइबर फ्रॉड के माध्यम से करोड़ों की कमाई, 4.50 करोड़ किए गए फ्रीज

Earned crores through cyber fraud कानपुर में साइबर फ्रॉड के माध्यम से लोगों को ठगी करने का बड़ा मामला सामने आया है जिसमें हजारों करोड रुपए के कार्ड होने की संभावना व्यक्त की गई है ठगी का शिकार होने वालों में देशी नागरिकों के साथ विदेशी भी शामिल है।

पुलिस की ग्राफ्ट में पुलकित द्विवेदी और घटना की जानकारी देते पुलिस उपायुक्त अपराध (फोटो सोर्स- 'X' पुलिस कमिश्नरेट कानपुर)
फोटो सोर्स- 'X' पुलिस कमिश्नरेट कानपुर)

Earned crores through cyber fraud कानपुर में साइबर फ्रॉड करके करोड़ों की कमाई करने वाले कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। जिसमें 56 कर्मचारी काम कर रहे थे। इन कर्मचारियों को आपस में बात करने की इजाजत नहीं थी। यदि कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता था तो उसे धमकी दी जाती थी। फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाते थे। इन्हीं में से एक कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने कॉल सेंटर का खुलासा किया। जो शहर के हृदयस्थली कहे जाने वाले ग्रीन पार्क के सामने स्थित बिल्डिंग से संचालित हो रहा था। पुलिस उपायुक्त मुख्यालय अपराध एसएम कासिम आबिदी ने कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए कहा कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह है। जो विदेशी नंबरों से कस्टमरों से संपर्क करते थे। यह एक बहुत बड़ा ऑर्गेनाइजेशन है। जो प्रोफेशनल तरीके से कम कर रहा था। मामला कानपुर के साइबर थाना क्राइम से जुड़ा हुआ है। ‌

विदेशी सिम से होती थी बातचीत

उत्तर प्रदेश के कानपुर के पुलिस उपायुक्त मुख्यालय अपराध एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस ने पुलकित द्विवेदी पुत्र सत्य प्रकाश निवासी केडीए सिग्नेचर ग्रीन्स नवाबगंज को गिरफ्तार किया गया है। जिसने पूछताछ में बताया कि webixy technology private limited और global trade plaza firm के नाम से कंपनी चलते हैं। ओपन सोर्स साइटों से लोगों के पर्सनल डाटा लेकर उनसे डिजटली रूप से संपर्क किया जाता था। इनमें देश और विदेश के लोग शामिल थे। विदेश से अधिक लाभ कमाने, सामान को खरीदने और बेचने के लिए लोगों को बताया जाता था।

2020 से चल रहा है साइबर फ्रॉड का खेल

2020 से साइबर फ्रॉड का काम चल रहा था। विदेशी मोबाइल नंबरों का व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर लोगों से संपर्क किया जाता था। जिसके कारण अभी तक पुलिस वालों से बचते रहे। कॉल सेंटर में नौकरी रखने के लिए भी युवकों को धोखा दिया जाता था। कॉल सेंटर में 56 लड़के लड़कियां कम कर रहे थी। सभी कर्मचारियों के पर्सनल फोन पहले से ही जमा कर लिए जाते थे। कॉल सेंटर में ठगी करने के लिए कंप्यूटर और मोबाइल फोन ऑफिस से ही दिए जाते थे। ठगी गई रकम को बैंक खातों में जमाया कराया जाता था।‌ एक अकाउंट फ्रीज होने के बाद दूसरा अकाउंट दूसरी कंपनी के नाम से खुलवाया जाता था। जिसके माध्यम से ठगी गई रकम को जमा कराया जाता था।

आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी

पुलकित द्विवेदी पुत्र सत्य प्रकाश को गिरफ्तार किया गया है। जबकि सत्यकाम साहू और दो अन्य अज्ञात फरार है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। अभी जांच चल रही है। अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। ‌6 बैंक अकाउंट खातों में कुल 4.50 करोड रुपए फ्रीज कराए गए। जिसमें देसी नागरिकों के साथ विदेशी नागरिकों से ली गई रकम भी है। 2020 से साइबर फ्रॉड का काम किया जा रहा है। जिसमें हजारों करोड़ रुपए के फ्रॉड होने की संभावना व्यक्त की गई है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी।