CG News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में शासकीय कर्मचारी घोषित करने और अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। इसके पूर्व उन्होंने धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। वहीं रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की।
आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए जाने की मांग लेकर छत्तीसगढ़ जुझारु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के बैनर तले 13 अगस्त को एक दिवसीय ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने छत्तीसगढ़ सरकार से अपनी मांगों के लिए गुहार लगाते हुए नारेबाजी की। रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
वहां पर भी अपनी मांगों को दोहराया। इस दौरान महिलाओं की संख्या अधिक रही। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी भी दी कि यदि सरकार का दिल नहीं पसीजा तो वह एक सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की लाखों कार्यकर्ता और सहायिकाएं प्रांत स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगी।
उन्होंने बताया कि शासन से निर्धारित समस्त कार्यों के लिए कार्यकर्ता को 10 हजार रुपए और सहायिका को 5000 रुपए जिसमें राज्य शासन 5500 रुपए व केन्द्र सासन द्वारा 4500 रुपए मानदेय राशि दिया जाता है। सभी कार्यकर्ता, सहायिका पूर्व में 4 घण्टा काय करती थी, लेकिन अब बढ़ाकर 6 घण्टे कर दिया गया है। कई बार तो 8 से 10 घण्टे भी कार्य करने पड़ते हैं। श्रम कानूनों के अंतर्गत कलेक्टर दर जो तय है वो भी नहीं दिया जाता।
संघ की जिलाध्यक्ष बंजारे ने बताया कि पोषण ट्रेकर एप में कई तरह की समस्याएं है उसे भी दूर करना आवश्यक है। इसमें पोषण ट्रेकर एप में वर्जन का बार-बार बदलना। 5 जी मोबाईल नहीं होने से नये वर्जन का सपोर्ट नहीं करना। 5 जी मोबाईल दिया जाए व नेट खर्च बढ़ाई जाए। नये वर्जन का सही प्रशिक्षण नहीं मिल पाना।
आधार कार्ड हितग्राहियों का अपलोड नहीं होना। हितग्राही द्वारा ओटीपी बताने से इंकार किया जाना, कई हितग्राहीयों के खाते से पैसे का निकलना। हितगाहीयों के मोबाईल से आधार लिंक नहीं होना। फेस कैप्चर बार-बार करने पर फेस मिस मेच होने का ऑप्शन आना। पोषण आहार को ले जाने में हितग्राही द्वारा आनाकानी करना। वहीं आंगनबाड़ी में प्रशिक्षण दिया जाता है, शासन द्वारा उसमें कार्यकर्ताओं की लिए राशि आती है उसे खर्च किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने बताया कि आरटीई के तहत 3 से 6 साल के बच्चों को स्कूल में भर्ती किया जा रहा है जिसके कारण आंगनबांडी में बच्चे कम हो रहे हैं। इसके लिए ठोस निर्णय लिया जाए ताकि आंगनबाड़ी में बच्चों की कमी न हो। वहीं सुपोषण चौपाल की राशि एव मातृत्व वंदना की राशि प्रत्येक माह दिया जाए।
सम्मान सुविधा प्रणाली को बंद किया जाए। कार्यकर्ता व सहायिका को गंभीर बीमारी होने पर मेडिकल छुट्टी के साथ मानदेय दिया जाए। प्रभार में दिए गए कार्यकर्ता व सहायिका को प्रोत्साहन राशि दिया जाए। छग महिला कोष की तरह कार्यकर्ता व सहायिका को विभागीय ऋ ण उपलब्ध कराई जाए। ईंधन की राशि समय सीमा पर डाली जाए।
संघ की जिलाध्यक्ष सोनबाई बंजारे ने मांगों को लेकर बताया कि कार्यकर्ता सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। वहीं मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि की जाए। पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकाली जाए, आयु सीमा बंधन हटाते हुए 50 प्रतिशत में पदोन्नति दी जाए। सहायिकाओं को शत प्रतिशत पदोन्नत किया जाए, उम्र का बंधन हटाया जाए। कार्यकर्ता व सहायिका की सेवा समाप्ति पर 10 लाख दिया जाए।
Published on:
14 Aug 2025 05:05 pm