CG Fraud: कवर्धा के युवाओं को शेयर मार्केट में रुपए लगाकर मुनाफा का लालच देकर 1 करोड़ 39 लाख रुपए के धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों की गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी का अपराध दर्ज है।
आखिरकार नौ माह बाद थाना कवर्धा पुलिस ने ठगी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया। कवर्धा के ही 15 युवाओं से कुल एक करोड़ 38 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की थी। उन्होंने बेईमानी के नियत से छलपूर्वक शेयर मार्केट में रकम लगाकर झूठा आश्वासन देकर अत्यधिक लाभ देने का लाभ लालच देकर ठगी किया।
इस पर 30 अक्टूबर 2024 को प्रार्थी शिव सोनी निवासी कवर्धा ने थाना कवर्धा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि डीवायपीधुर्वे ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड/निवेश किंग नामक कम्पनी के संचालक धर्मेश धुर्वे (35), यतीन्द्र धुर्वे (29) और इनके पिता नारायण प्रसाद धुर्वे पिता स्व.लखनलाल धुर्वे (56) निवासी वार्ड क्रमांक 11 मठपारा कवर्धा ने 10 प्रतिशत प्रतिमाह लाभांश व एक वर्ष बाद मूल राशि लौटाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की। इस पर थाना कवर्धा में धारा 420, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था। वहीं आरोपी नारायण धुर्वे शासकीय बालक प्राथमिक विद्यालय पिपरिया में प्रधान पाठक हैं।
जिले की पुलिस ने कई महिनों तक दस्तावेजी साक्ष्यों की जांच और विभिन्न जिलों में दबिश देने के बाद आरोपियों को 19 अगस्त 2025 को धरदबोचा गया। मंगलवार को तीनों आरोपियों को न्याययिक रिमांड के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
वर्ष 2022 में धर्मेश धुर्वे प्रार्थी शिव सोनी के पास पहुंचा था। उसने बताया कि धर्मेश धुर्वे, यतींद्र धुर्वे व हर्षिता शर्मा मिलकर डीवायपी धुर्वे ब्रदर्स प्राइवेट लिमीटेड संचालित करते हैं। कार्यालय निवेश किंग के नाम से बिलासपुर में है। इसमें वह लोगों से रकम निवेश कराते हैं। निवेशक को निवेश की राशि का प्रतिमाह 10 प्रतिशत मासिक लाभ और 12 माह बाद मूल रकम वापसी की गारंटी का भरोसा दिया गया। भरोसा कर प्रार्थी व कवर्धा के कुछ युवाओं द्वारा चेक ऑनलाइन व नगद के माध्यम से कंपनी के खाते में ट्रांसफर किया गया। कुछ समय तक राशि निवेश करने पर इन्हें लाभ भी दिया गया। इसके चक्कर में युवक और अधिक राशि निवेश करने लगे। बीच-बीच में कुछ लाभ होता तो लगने लगा अधिक लाभ होगा। इसके चलते निवेश की राशि और अधिक बढ़ती चली गई। लेकिन कुछ समय बाद राशि देना बंद कर दिया।
एसडीओपी कृष्णकुमार चंद्राकर ने बताया कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने केवल कबीरधाम जिले में ही लगभग 1 करोड़ 39 लाख रुपए की ठगी की है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सहित अन्य जिलों में इनके खिलाफ कुल लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। आरोपियों ने ठगी की रकम से बिलासपुर में 57 लाख रुपए की जमीन, कवर्धा में 1 करोड़ 10 लाख रुपए की भूमि और टाटा हैरियर व अर्टिगा जैसी लग्ज़री वाहन खरीदें हैं। वहीं मामले में बिलासपुर की हर्षिता शर्मा का नाम एफआईआर में दर्ज है। पुलिस अधिकारी के अनुसार आरोपी फरार है। उसकी पतासाजी की जा रही है।
संपूर्ण कार्यवाही में थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक लालजी सिन्हा, थाना पांडातराई प्रभारी निरीक्षक कमलाकांत शुक्ला, साइबर प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा, सुरेश जायसवाल, कौशल साहू, दर्शन साहू, संजीव साहू, प्रधान आरक्षक चुम्मन साहू, अभिनव तिवारी, वैभव कल्चुरी, बालेश धुर्वे, आरक्षक लेखा चंद्रवंशी, संदीप शुक्ला, अमित ठाकुर का योगदान रहा।
आरोपियाें की कंपनी पर कवर्धा निवासी आशुतोष श्रीवास्तव ने 22 लाख 60 हजार रुपए निवेश किए। इसी तरह रविंद्र कुंभकार ने 14 लाख 50 हजार रुपए, रितेश पाण्डेय 11 लाख रुपए, रघुनाथ गुप्ता 10 लाख रुपए, प्रदीप साहू 9 लाख 90 हजार रुपए, आसिफ रजा खान 8 लाख रुपए, नौशाद अली 8 लाख रुपए निवेश किए।
इस मामले में कबीरधाम पुलिस की संयुक्त टीम ने कई जिलों में लगातार दबिश दी। आरोपियों के कई संबंधित ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और ठगी की रकम से खरीदी गई संपत्तियों के सबूत भी जब्त किए। सबसे पहले खाता फ्रीज किया। इसेक बाद बैंक ट्रांजेक्शन खंगाले और सबूतों को एक-एक कर जोड़ा, जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई संभव हो पाई।
Updated on:
20 Aug 2025 02:00 pm
Published on:
20 Aug 2025 01:59 pm