
पत्रिका के द्वारा संत थॉमस स्कूल में साइबर अपराध से बचाव की दी गई जानकारी
पत्रिका के द्वारा संत थॉमस स्कूल में साइबर अपराध पर जागररूकता कार्यक्रम किया गया। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेरकर ने पूछा मोबाइल कितने बच्चों के पास मोबाइल है। कुछ को छोड़ सभी ने हाथ उठाए। बच्चों और शिक्षकों ने सवाल किया कि डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें।
एडिशनल एसपी ने जवाब दिया कि मोबाइल में जो नंबर सेव नहीं हो उसे नहीं उठाएं। रिंगटोन सेट करके रखें, अंजान नंबर उठाने से बचें। यदि कॉल रिसीव हो तो डरें नहीं, अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक आदि की नहीं दें। और कॉल कट कर दें।
एडिश्नल एसपी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट का सबसे अधिक कारण बच्चों की गेमिंग है। माता-पिता के मोबाइल बच्चे ऑनलाइन गेमिंग के साथ एप्लीकेशन डाउन लोड कर रहे हैं। इसके जरिए साइबर ठग आप के परिवार तक पहुंच रहे हैं। हैकिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी पहचान, और गेमिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को उदाहरणों सहित समझाया। कहा, मजबूत पासवर्ड, दो-स्तरीय सुरक्षा, अनजान लिंक से बचाव, ऑनलाइन मित्रता में सतर्क रहे।
कक्षा 12 के नेल्शन तिर्की ने सवाल किया कि साइबर अपराध इतने हो रहे हैं तो सरकार बैन क्यों नहीं कर देती है। मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ सचिन ने जवाब दिया कि बैन करना समाधान नहीं है। बल्कि सोशल मीडिया फायदे भी हैं। लेकिन, बच्चों के लिए नुकसान हैं। गेमिंग के कारण बच्चों की आंख खराब रही है। कुछ बच्चे 4 से 6 घंटे तक मोबाइल चला रहे हैं। जिससे कमर, गर्दन में दर्द के साथ आंखों की पुलती दाएं-बांध हो रही है।
राजेश गुहा, शिक्षक ने प्रश्न पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के उपाय क्या हैं। एडिश्नल एसपी राजेश रघुवंशी ने जवाब दिया कि अज्ञात कॉल से सावधान रहें। किसी भी अनजान नंबर से कॉल आए और खासकर जो पुलिस या सरकारी अधिकारी बताए तो तो जवाब न दें। डरें नहीं दबाव में नहीं आएं। जालसाज आपको डराकर या दबाव डालकर तुरंत निर्णय लेने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसे में शांत रहें और कॉल को तत्काल काट दें।
संत थॉमस स्कूल में साइबर अपराध की कार्य शाला के दौरान पत्रिका की ओर से भोजन बर्बाद नहीं होने का संकल्प दिलाई गई। इस दौरान बच्चों, शिक्षकों और अतिथियों ने शपथ लिया कि शादी-समारोह या घर में किसी कार्यक्रम के साथ अधिक भोजन बचने पर उसे बर्बाद नहीं होने देंगे। बल्कि इसे जरूरतमंद तक पहुंचाने में सहयोग करेंगे।
जब मोबाइल का काम हो तभी हाथ लगाएं।
किसी का फोन आए रिंगटोन लगाकर रखिए, जो सेव नहीं हो उसे नहीं उठाएं।
मोबाइल में कोई भी एप्लीकेशन अपलोड नहीं करें।
Published on:
19 Nov 2025 11:39 am
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