
खंडवा जल संरचनाएं संरक्षित करने देशभर में नंबर वन पर है। लेकिन, खंडवा में पिछड़ गया है।
जल संरक्षण की संरचनाएं विकसित करने हम भले ही देशभर में नंबर वन पर पर हैं। लेकिन, फील्ड में तस्वीरें कुछ और बयां कर रही हैं। जिला प्रशासन की नाक के नीचे बैठे पचास फीसदी से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण की जानकारी का फोटो अभी तक अपलोड नहीं किया है। यह हम नहीं बल्कि नगर निगम समेत प्रशासन के पास पहुंची रिपोर्ट बता रही है।
जिले में अकेले नगर निगम के 553 अधिकारी व कर्मचारियों को रैन वाटर हार्वेस्टिंग बनाना था। इसमें से 294 ने यह कहकर किनारा कर लिया कि उनके मकान कच्चा है, घर के सामने सीसी सड़क का निर्माण हुआ है। कइयों ने जगह नहीं होने, आस-पास प्लाट खाली नहीं होने समेत अन्य समस्याएं बता दी है। निगम के 553 कर्मचारियों में से सिर्फ 89 ने फोटो अपलोड किया है। इसमें 50 जनप्रतिनिधियों को भी जानकारी देनी है। कुछ को छोडे़ं दे तो अधिकतर प्रतिनिधियों ने एक भी फोटो अपलोड नहीं हो सकी है। निगम का दावा है कि दोनों चरणों में 603 रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कार्य हो चुका है। बता दें कि पहले और दूसरे चरण में निगम के 12 भवन और निगम के 116 नलकूप में हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया जा सका है।
जिला प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा है कि वह स्वयं अपने घरों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराएं। और आस-पास के लोगों को प्रेरित करें। 50 से अधिक विभागों में से कुछ विभागों को छोड़ दे तो अधिकर विभागों में अभी तक पचास फीसदी अधिकारियों ने तो निर्माण कराया है और न ही प्रशासन को निर्माण की फोटो शेयर की है।
निगम के लक्षित 553 में से 304 ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कराने की हामी भरी है। जबकि 249 ने कच्चा मकान समेत अन्य वजह बताकर इतिश्री कर ली। इसमें से 89 ने निर्माण कराने के बाद फोटो अपलोड कर दिया है। शेष 215 ने अभी तक किसी तरह की जानकारी नहीं दी है।
निगम के तीसरे चरण में रैन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण के लिए 643 का लक्ष्य है। इसमें स्कूल, कॉलेज, धर्मशाला, मैरिज हाल, हास्पिटल एवं व्यवसायिक भवन समेत अन्य संस्थाएं शामिल हैं। सभी में निर्माण कराए जाने का दावा किया जा रहा है।
Published on:
29 Oct 2025 11:51 am
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