हाल-ए-स्कूल : आला अफसरों की नाक के नीचे लापरवाह बने शिक्षक, दांव पर बच्चों का भविष्य
शैक्षणिक सत्र के अगस्त माह का आधा समय बीत गया। बावजूद इसके स्कूलों की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी। शहरी क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों में सुबह 10 से 11 बजे के बीच गुरुजी के इंतजार में कुर्सियां खाली रहती है। कुछ स्कूलों में तो प्रार्थना के समय झाडू लग रही है। कक्षाओं में लटके तालों के बीच विद्यार्थी बाहर खेलने का मजबूर है। स्कूलों की यह हालत तब है जब शासन ‘ हमारे शिक्षक एप ’ से शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कर रही है। शहरी क्षेत्र में स्कूलों के यह हालात है तो ग्रामीण क्षेत्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। पत्रिका ने गुरुवार सुबह 10 से दोपहर 2.30 बजे के बीच प्राथमिक और माध्यमिक के तीन स्कूलों का जायजा लिया तो असल हकीकत सामने आई।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि हमारे शिक्षक ऐप पर खंडवा में शिक्षकों की उपस्थिति प्रदेश स्तर पर पहले नंबर पर है। अगर यह दावा सच है तो स्कूलों में ऑनलाइन मॉनीटरिंग बच्चों के लिए बेमानी है।
यहां 1 व 2 कक्षा में ताला लटका हुआ मिला। हेडमास्टर माया डोंगरे कक्षा 5 के बच्चों को पढ़ाती मिली। पूछने पर बताया कि सहायक शिक्षक शीला चंद्रे डाइट में प्रशिक्षण लेने गई हैं। इस लिए ताला लगा है। सहायक शिक्षक रमन रायकवार समीप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से गपशप करते दिखाई दिए। जबकि उन्हें कक्षा का ताला खोलकर पढ़ाना चाहिए था। यहां पर कक्षा-1 में 5 बच्चे, दो में 7, तीन में 7, चार में 17 और पांच में 19 बच्चे हैं।
गांधी भवन स्कूल में 1 से 5 तक की कक्षाओं में 85 बच्चे हैं। मौके पर 50 फीसदी बच्चे भी नहीं दिखे। महिला कर्मचारी झाडू लगाती मिली। शिक्षक अंजलि अभी तक नई आई थी। जबकि स्कूल में 10.30 बजे प्रार्थना का समय है। उस समय महिला कर्मचारी झाडू लगा रही थीं। वहीं शिक्षक ज्योति पाराशर बच्चों को इंतजार करते दिखाई दी। माध्यमिक स्कूल में भी एक शिक्षक समय पर नहीं पहुंची थी।
समय : सुबह 10.15 बजे कस्तूरबा गांधी स्कूल में शिक्षक के इंतजार में छात्राएं बाहर खेलती मिली। छात्राओं का कहना था कि मैडम 11 बजे तक आ जाएंगी। जबकि शिक्षकों को 10 बजे तक पहुंचना है और 10.30 बजे प्रार्थना शामिल होना है। स्थिति यह थी कि 10.20 बजे कर्मचारी झाडू लगाते कैमरे में कैद हुई।
सवाल : माध्यमिक व प्राथमिक स्कूल खुलने का समय क्या है ?
जवाब : शिक्षकों को 10 बजे और 10.30 बजे प्रार्थना का समय निर्धारित है।
सवाल : समय से नहीं पहुंच रहे शिक्षकों की मानीटरिंग कैसे कर रहे हैं।
जवाब : शहर में 9, 10 व 11 अगस्त को निरीक्षण किया गया। टीम फील्ड में लगातार निरीक्षण कर रही है।
सवाल : देर से पहुंचने वाले शिक्षकों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं।
जवाब : देर से पहुंचने वाले की ऑनलाइन और ऑफ लाइन मॉनीटरिंग हो रही है। जांच प्रतिवेदन व शासन के गाइड लाइन के आधार पर कार्रवाई होती है।
Published on:
22 Aug 2025 11:57 am