Government land missing: खरगोन जिले के भीकनगांव में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की 8 एकड़ सरकारी जमीन नपती के लिए तय थी। लेकिन नपती दल को नक्शे पर उसका नामोनिशान नहीं मिला। नतीजा यह रहा कि छह घंटे की मशक्कत और इंतजार के बाद सभी अधिकारी खाली हाथ लौट गए। ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव बीते दो महीनों से इस जमीन को लेकर परेशान थे।
मामला लगातार एसडीएम के पास पहुंच रहा था। आखिरकार 12 अगस्त को एसडीएम आकांक्षा अग्रवाल ने झिरनिया और भीकनगांव के संयुक्त दल को 14 अगस्त को नपती के आदेश दिए। आदेश में दो जगहों की नपती शामिल थी। पहली नपती में आधा दिन निकल गया, लेकिन दूसरी नपती यानी हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की जमीन की जांच तक मामला पहुंचा, तभी यह चौंकाने वाला मोड़ आ गया।
गुरुवार सुबह से ही खरगोन से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की एसडीओ उर्मिला अलावे, इंजीनियर मुरारी मोरे, पंचायत सचिव, सरपंच और नपती दल मौके पर मौजूद थे। सभी को भरोसा था कि 3 एकड़ जमीन की सीमा तय हो जाएगी और विवाद खत्म होगा। लेकिन जब पटवारी वी. भटोरे ने नपती शुरु करने के लिए नक्शा देखा, तो पता चला हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की जमीन का जिक्र नक्शे में है ही नहीं। पटवारी का कहना है बटा नहीं होने से नपती नहीं की गई।
एसडीओ उर्मिला अलावे ने बताया कि यह 3 एकड़ जमीन 5 अप्रैल 1997 को हैंडओवर की गई थी। प्लानिंग के बाद 2006 में हाउसिंग बोर्ड ने सभी प्लॉट बेच दिए। वर्ष 2024 में जमीन ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दी गई। इसमें नर्सरी स्कूल, गार्डन और ओपन एरिया शामिल हैं। विवादित हिस्सा करीब 157 मीटर लंबा है, जो ड्रीम लैंड कॉलोनी के पास स्थित है। (MP News)
दल ने पहले दूसरी जमीन की नपती की, जिसमें 6 घंटे निकल गए। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की बारी आई तो नक्शा देख सभी हैरान रह गए। जमीन का लोकेशन, खसरा नंबर कुछ भी दर्ज नहीं था। नपती रोक दी गई और पूरा दल वापस लौटना पड़ा। एसडीओ उर्मिला का कहना है कि यह प्रशासनिक लापरवाही है। एसडीएम के आदेश पर हम आए थे, लेकिन नक्शे में जमीन ही नहीं होना गंभीर मामला है। हम इस संबंध में कमिश्नर और कलेक्टर को शिकायत करेंगे। उधर, ग्राम पंचायत का कहना है कि यह देरी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। पहले भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन नपती आगे नहीं बढ़ी। (MP News)
Published on:
15 Aug 2025 12:49 pm