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कोरोना के दो साल बाद फिर लौटेगा ट्रैकिंग का रोमांच, नवंबर से यहां शुरू होगा तीन दिवसीय जंगल ट्रैक, विदेशी ट्रैकर भी होंगे शामिल

CG Tourism: गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह से ट्रैकिंग शुरू होगी। इस दौरान देश-विदेश से ट्रैकर की अलग-अलग टीम घनघोर जंगल के बीच 35 किलोमीटर सफर में ट्रैकिंग का लुफ्त उठाएगी।

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नवंबर महीने में ट्रैकिंग शुरू होगी (Photo Patrika)

नवंबर महीने में ट्रैकिंग शुरू होगी (Photo Patrika)

CG Tourism: गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह से ट्रैकिंग शुरू होगी। इस दौरान देश-विदेश से ट्रैकर की अलग-अलग टीम घनघोर जंगल के बीच 35 किलोमीटर सफर में ट्रैकिंग का लुफ्त उठाएगी।

जानकारी के अनुसार, टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने वर्ष 2019 में पहली बार चार दिवसीय ट्रैकिंग कैंप लगाया गया था। पहली टीम में छत्तीसगढ़ सहित सात राज्यों के 11 ट्रैकर शामिल थे। उसके बाद हर साल ट्रैकिंग टीम पहुंच रही है। हालांकि, कोरोना कॉल में दो साल बंद कर दिया गया था। सैलानियों को गाइड करने फॉरेस्ट गार्ड सहित स्थानीय युवकों का सहयोग लेते हैं। इस साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में ट्रैकिंग टीम आएगी।

फिलहाल तिथि निर्धारित नहीं है। ट्रैकिंग नवंबर-मार्च महीने में ट्रैकिंग कराई जाती है। ट्रैकिंग टीम को टाइगर रिजर्व के ग्राम झांपर बीजाधुर नदी स्थान, गिधेर में कलश पहाड़, तुर्रीपानी ग्राम से टेड़िया बांध तक 35 किलोमीटर ट्रैक तैयार कर भ्रमण कराते हैं। इस दौरान दो रात जंगल में टेंट लगाकर और एक रात ग्राम तुर्रीपानी में ग्रामीणों के सहयोग से ठहराते हैं।

मन मोह लेता है बालमगढ़ी पहाड़ सन प्वाइंट

भारत की सबसे बड़ी ट्रैकिंग कंपनी इंडिया हाइक्स के सहयोग से विदेशी सहित विभिन्न प्रदेश से ट्रैकिंग करने पहुंचती है। हिमालय में ट्रैकिंग कराने वाली कंपनी इंडिया हाइक्स बैंग्लौर के नेतृत्व में ट्रैकिंग कराई जाती है। इस दौरान ट्रैकिंग टीम को दो रात तुर्रीपानी व गिधेर के गांव में ठहराया जाता है। फिर ग्राम झापर में जंगल ट्रैकिंग का समापन करते हैं। ट्रैकिंग टीम का यह भारत में दूसरी ट्रैकिंग है।

ट्रैकिंग टीम का दावा है कि इतना सुंदर व घनघोर जंगल पहली बार देखा है। इससे पहले कभी सुंदर जंगल नहीं देखा था। वहीं ट्रैकिंग टीम सोनहत के बालमगढ़ी पहाड़ पर पहुंचती है। इस स्थल को सन प्वाइंट के नाम भी जाना जाता है। ट्रैकर शाम करीब 5-6 बजे तक डूबते सूर्य का मनमोहक नजारा देख आसपास के प्राकृतिक नजारे को अपने कैमरे में कैद करते हैं।

टाइगर रिजर्व में ट्रैकिंग कराने वाली कंपनी से बातचीत हुई है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में आने की बात कह रही है। हालांकि, अभी तिथि निर्धारित नहीं है। ट्रैकिंग के लिए अलग-अलग टीम में कई जगह के ट्रैकर आएंगे। - सौरभ सिंह ठाकुर, डायरेक्टर गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बैकुंठपुर