kota news: जेईई मेन 2025 के जनवरी सेशन की परीक्षा पिछले वर्ष की तुलना में 6 दिन पहले 22 जनवरी से शुरू होगी। यह परीक्षा 2024 की तरह 10 शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए यह बदलाव छात्रों के लिए नई रणनीति और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देता है। जेईई मेन 2025 का नया प्रारूप छात्रों के लिए समय और ऊर्जा का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा। एक्सपेरिमेंटल स्किल्स और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के दौरान इस बदलाव का सही उपयोग करने से छात्रों को दोगुना लाभ मिलेगा।
पार्ट-बी से विकल्प हटाए जाने का असर
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इस बार छात्रों को फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के संपूर्ण 54 यूनिट्स में से केवल 75 सवाल हल करने होंगे। जबकि पहले यह संख्या 90 थी। एनटीए ने पार्ट-बी में 10 में से 5 सवाल चुनने के विकल्प को समाप्त कर दिया है। अब छात्रों को 3 घंटे में कम सवाल हल करने होंगे, जिससे प्रति सवाल अधिक समय मिलेगा। यह बदलाव छात्रों के लिए टाइम-मैनेजमेंट बेहतर करने और तनाव कम करने में सहायक साबित होगा।
एक्सपेरिमेंटल स्किल्स पर विशेष ध्यान
फिजिक्स और कैमिस्ट्री के सिलेबस में शामिल एक्सपेरिमेंटल स्किल्स यूनिट्स को नजरअंदाज न करने की सलाह दी गई है। फिजिक्स में 18 प्रायोगिक गतिविधियां और कैमिस्ट्री में ऑर्गेनिक-इनॉर्गेनिक प्रिपरेशन व थर्मोकैमिस्ट्री से जुड़े सवाल हर साल पूछे जाते हैं। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रायोगिक कौशल को मजबूत करने से छात्रों को जेईई-मेन और बोर्ड परीक्षाओं दोनों में फायदा मिलेगा। एक्सपर्ट ने कहा कि छात्रों को बदलावों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। कम सवालों के साथ परीक्षा देने से तैयारी की गुणवत्ता और आत्मविश्वास में सुधार होगा। इसका फायदा बोर्ड और जेईई दोनों में मिलेगा।
Published on:
04 Jan 2025 02:02 pm