
Kota FSL Team
राजस्थान में फॉरेंसिक जांच को नई तकनीकी ताकत मिलने जा रही है। कोटा फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) को पहली बार छह अत्याधुनिक मोबाइल लैब वाहन मिले हैं, जो अपराध स्थल पर पहुंचकर मौके पर ही वैज्ञानिक जांच करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस सौगात से अब कोटा संभाग में फॉरेंसिक जांच पहले से कहीं अधिक तेज, सटीक और आधुनिक हो जाएगी। मंगलवार को ये वाहन कोटा एफएसएल को औपचारिक रूप से सौंपे गए। मौके पर पुलिसकर्मियों और एफएसएल अधिकारियों को इन वाहनों की कार्यप्रणाली तथा तकनीकी फीचर्स का प्रशिक्षण भी दिया गया।
ये मोबाइल यूनिट किसी भी जिले में घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का काम शुरू कर देगी।कोटा संभाग को मिली इन छह मोबाइल यूनिट में दो वाहन कोटा में रहेंगे, जबकि बूंदी, बारां और झालावाड़ को एक-एक वाहन दिया गया है। हर वाहन को मिनी लैब के रूप में तैयार किया गया है। इनमें 14 प्रकार की जांच किट लगी हैं, जिनसे डीएनए, रक्त, फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट, दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जैसे मामलों की जांच मौके पर ही की जा सकेगी।
अब नहीं करना पड़ेगा पुलिस वाहन का इंतजार
पहले एफएसएल टीम को क्राइम सीन पर जाने के लिए पुलिस वाहन का इंतजार करना पड़ता था। उदाहरण के तौर पर यदि बूंदी में कोई घटना होती थी तो वहां की पुलिस कोटा से एफएसएल अधिकारियों को लाने और वापस छोड़ने जाती थी, इसमें घंटों लग जाते थे। इस देरी से कई बार अहम साक्ष्य कमजोर पड़ जाते थे। लेकिन, अब एफएसएल की अपनी मोबाइल यूनिट सीधे मौके पर पहुंचकर तत्काल जांच शुरू करेगी। इससे समय की बड़ी बचत होगी और साक्ष्य भी सुरक्षित रहेंगे।
क्राइम सीन जांच में आएगा तकनीकी सुधार
अतिरिक्त निदेशक डॉ. राखी खन्ना ने बताया कि यह मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट अपराध जांच के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि इन वाहनों के आने से अब क्राइम सीन से वैज्ञानिक रूप से साक्ष्य जुटाना और उन्हें अदालत में प्रमाणिक रूप से प्रस्तुत करना आसान होगा। इससे जरूरतमंद लोगों को समय पर सहायता मिल सकेगी और अपराध जांच में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
वाहनों के फीचर्स की दी जानकारी
प्रशिक्षण सत्र के दौरान एफएसएल टीम ने पुलिस अधिकारियों को वाहनों में मौजूद उपकरणों और किट के उपयोग की जानकारी दी। इनमें अत्याधुनिक कैमरा सिस्टम, ब्लड सैंपल एनालिसिस किट, फिंगरप्रिंट डस्टिंग सेट, डिजिटल डेटा कलेक्शन टूल्स, साक्ष्य संरक्षण बॉक्स और ऑन-साइट रिपोर्टिंग सिस्टम शामिल हैं। ये सभी उपकरण अपराध स्थल पर तुरंत काम करने और मौके पर ही रिपोर्ट तैयार करने की सुविधा प्रदान करेंगे।
Updated on:
04 Nov 2025 08:20 pm
Published on:
04 Nov 2025 08:19 pm
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