नीट यूजी 2025 के परिणाम की राह देख कर रहे लाखों अभ्यर्थियों की निगाहें इस वक्त देशभर की एमबीबीएस सीटों पर टिकी हुई हैं। हैरानी की बात है कि ‘कोटा कोचिंग’ के जरिए देश में सबसे ज्यादा ‘डॉक्टर’ देने वाले राजस्थान में ‘डॉक्टरी’ की महज 5.48 फीसदी सीटें ही हैं। एमबीबीएस सीटों के मामले में प्रदेश आठवें पायदान पर है। कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और यूपी की तुलना में यहां सीटों की संया करीब आधी ही है। गौरतलब है कि एमबीबीएस में प्रवेश के लिए सीटों का आवंटन 15त्न ऑल इंडिया और 85त्न स्टेट कोटा के आधार पर किया जाता है।
मेडिकल सीटों की कमी से बढ़ रहा पलायन
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा के अनुसार, राजस्थान में जहां प्रतिभावान विद्यार्थियों की संया लगातार बढ़ रही है, वहां मेडिकल सीटों की कमी न केवल कटऑफ को बढ़ा देती है, बल्कि स्टूडेंट्स को बाहर के राज्यों या विदेशों में जाने को भी मजबूर करती है। केंद्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि मेडिकल शिक्षा में अवसरों की समानता के लिए नए कॉलेज खोले जाएं और प्राइवेट निवेश को प्रोत्साहित किया जाए।
साउथ में 40 फीसदी तो हिंदी बेल्ट में 34 फीसदी सीटें
एमबीबीएस सीटों पर सर्वाधिक कब्जा दक्षिण भारत के पांच राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश का है। कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और पुड्डुचेरी में कुल 47,155 एमबीबीएस सीट है। करीब 40 फीसदी सीट इन पांच राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में ही है। शेष 74 फीसदी यानी 71,035 सीट 23 राज्य व 5 केंद्र शासित प्रदेश में हैं। हिंदी बेल्ट के 13 राज्यों में 39,797 सीट हैं।
सीट में कर्नाटक व कॉलेज में यूपी अव्वल
एमबीबीएस सीट में कर्नाटक अव्वल है। यहां 73 मेडिकल कॉलेज में 12545 सीट हैं। मेडिकल कॉलेज के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। जहां 86 मेडिकल कॉलेज हैं। सरकारी सीटों में महाराष्ट्र अव्वल, राजस्थान चौथे पायदान पर : सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीटों में महाराष्ट्र देश में अव्वल है। वहां 49 सरकारी कॉलेज में 8745 एमबीबीएस सीट हैं। दूसरे पायदान पर उत्तर प्रदेश है, जिसमें 41 मेडिकल कॉलेज में 7 हजार सीट हैं। राजस्थान 5821 सीटों के साथ चौथे स्थान पर है।
देश में 780 मेडिकल कॉलेजों में 1,18,148 सीटें
नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के 780 मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,18,148 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से राजस्थान के हिस्से में मात्र 6476 सीटें, यानी 5.48त्न, आती हैं। यह संया कर्नाटक (12,545), उत्तर प्रदेश (12,475), तमिलनाडु (12,050) और महाराष्ट्र (11,846) की तुलना में लगभग आधी है। एक्सपर्ट का मानना है कि एमबीबीएस सीटों की यह असमानता विद्यार्थियों की राज्य आधारित प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है, खासकर जब मेडिकल सीटों का 85त्न हिस्सा स्टेट कोटा के अधीन आता है।
राज्यों में एमबीबीएस सीटों का तुलनात्मक विश्लेषण
क्रम राज्य कुल एमबीबीएस सीटें प्रतिशत योगदान
1 कर्नाटक 12,545 10.61%
2 उत्तर प्रदेश 12,475 10.55%
3 तमिलनाडु 12,050 10.19%
4 महाराष्ट्र 11,846 10.02%
5 तेलंगाना 9,065 7.67%
6 गुजरात 7,250 6.13%
7 आंध्र प्रदेश 6,785 5.74%
8 राजस्थान 6,476 5.48%
राज्यों में गवर्नमेंट एवं प्राइवेट सीटों का तुलनात्मक डेटा
राज्य गवर्नमेंट कॉलेज/ सीटें सीटें प्राइवेट कॉलेज/सीटें
कर्नाटक 22 - 3500 51 - 9045
उत्तर प्रदेश 45- 5475 41- 7000
तमिलनाडु 40 - 5450 37- 6600
महाराष्ट्र 42 - 6025 38- 5821
राजस्थान 30 - 4326 13- 2150
Published on:
12 Jun 2025 06:30 pm